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सीने पर बरसती रहीं गोलियां, फिर भी आतंकियों को मार गिराया, अब शौर्य चक्र से नवाजा गया जांबाज

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मध्य प्रदेश के सतना जिले के शहीद कर्णवीर सिंह अपने अदम्य साहस के लिए ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित हुए‌। शहीद कर्णवीर के पिता रिटायर्ड मेजर रवि कुमार सिंह और मां मिथलेश कुमारी सिंह राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हुए।

नक्सली मुठभेड़ में शहीद कर्णवीर को मरणोपरांत यह सम्मान मिला है।

शांति काल में असाधारण शौर्य का परिचय देते हुए मातृभूमि की रक्षा में प्राण गंवाने वाले कर्णवीर सिंह को मरणोपरांत यह सम्मान देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया।

विंध्य के सपूत के शौर्य और बलिदान को सम्मानित किए जाने के अवसर की जानकारी भारत के राष्ट्रपति के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल के माध्यम से दी है। गौरतलब कि शहीद कर्णवीर सतना जिले की रामपुर बाघेलान तहसील के देवमऊ दलदल में उनका जन्म हुआ था। पूरा परिवार सतना शहर के वार्ड नंबर 22 उतैली में रहते हैं।

वर्ष 2017 में सूबेदार पद पर भर्ती हुए कर्णवीर भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट की 44वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स के जांबाज सदस्य थे। जम्मू कश्मीर के शोपियां में 20 अक्टूबर 2021 को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में कर्णवीर शहीद हो गए थे। पूरी रात चली मुठभेड़ के दौरान कर्णवीर के सिर और सीने पर गोली खाई थी। उन्होंने दो आतंकी को ढ़ेर भी किया था। उनके गृह देवमऊ दलदल में स्थित सरकारी विद्यालय का नाम सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अनुसार शहीद कर्णवीर के नाम से किया जा चुका है।

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