लखनऊ : राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी लगभग टूटती दिख रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य, पल्लवी पटेल, मनोज पांडे और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के बाद सपा के एक और कद्दावर नेता अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं। जी हां तीन बार सांसद और सात बार विधायक रहे रेवती रमण सिंह पार्टी से नाराज चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि रेवती रमण जल्द ही सपा से रिश्ता तोड़ नया सियासी ठिकाना तलाशने की तैयारी में हैं।
सूत्रों के अनुसार रेवती रमण का परिवार पिछले कुछ दिनों से देश की दो बड़ी पार्टियों के संपर्क में है. एक जगह बात लगभग फाइनल भी हो चुकी है। हालांकि अभी इस बात को लेकर पशो पेश है कि रेवती रमण को ज्यादा उचित सम्मान कहां मिलेगा और किसके साथ उनका सियासी भविष्य ज्यादा उज्जवल होगा। बता दें, कुंवर रेवती रमण सिंह आठ बार विधायक और तीन बार सांसद रहे हैं। रेवती रमण सिंह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं। वह यूपी सरकार में कई बार मंत्री और समाजवादी पार्टी में महासचिव भी रहे हैं।
पूर्वांचल-बुंदेलखंड में रमण सिंह की मजबूत पैठ
रेवती रमण सिंह भूमिहार समुदाय से आते हैं। इस वर्ग के वोटरों में पूर्वांचल से लेकर से लेकर बुंदेलखंड तक उनकी मजबूत पैठ मानी जाती है। वह प्रयागराज की करछना सीट से सात बार विधायक रहे हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर पहली बार सांसद बने थे। 2009 में वह लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए थे। 2014 में मोदी लहर में हारने के बाद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। उनका राज्यसभा का कार्यकाल करीब डेढ़ साल पहले खत्म हुआ है।