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सेक्रेड हार्ट स्कूल की छात्रा ने स्कूल के छत से लगाई छलाँग, स्थिति गंभीर, बैग से मिला सुसाइड नोट

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राँची : सेक्रेड हार्ट स्कूल की क्लास छह (सेक्शन बी) में पढ़नेवाली छात्रा ने शुक्रवार को स्कूल के तीसरे तल्ले से कूद कर आत्महत्या का प्रयास किया। उसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोट लगी है। हाथ और पैर की हड्डियां भी टूट गयी हैं। उसे पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा है। चिकित्सकों के अनुसार फिलहाल बच्ची की स्थिति स्टेबल है। शनिवार को उसकी सर्जरी की जायेगी।

चुटिया की रहनेवाली छात्रा के बैग से एक इंग्लिश में लिखा सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने लिखा है कि वर्ष 2023 उसके लिए अच्छा नहीं रहा। जुलाई-अगस्त महीना अच्छा नहीं रहा। साथ ही उसने लिखा है कि पारिवारिक समस्या, स्कूल तथा पढ़ाई के दबाव के कारण परेशान रहती हूं। अंत में उसने लिखा है कि आइ एम डाइंग बिकाउज डेथ।

तीन पीरियड की समाप्ति के बाद छत पर गयी

जानकारी के अनुसार, तीन पीरियड की समाप्ति के बाद छात्रा कक्षा से बाहर निकली और छत पर चली गयी। इसके बाद स्कूल के तीसरे तल्ले से छलांग लगा दी। आनन – फानन में स्कूल प्रबंधन द्वारा एक वाहन से उसे एचइसी पारस अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति गंभीर बतायी। आइसीयू के वेंटिलेटर पर रख उसका इलाज किया जा रहा है।

वहीं अस्पताल पहुंचे छात्रा के पिता ने बताया कि वह चुटिया में रहते हैं। स्कूल से फोन आया कि आपकी बच्ची मैदान में गिर गयी है, उसे चोट लगी है। पारस अस्पताल पहुंचे। वहीं घटना के बाद हटिया डीएसपी राजा मित्रा, तुपुदाना प्रभारी मीरा सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। हटिया डीएसपी ने बताया कि एफएसएल की टीम जांच के लिए स्कूल भेजी गयी है। स्कूल में सीसीटीवी की भी जांच की जायेगी। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

छात्रा की हालत देख कईयों की हालत बिगड़ी

छात्रा के तीसरे तल्ले से कूदने के बाद काफी संख्या में छात्रा व शिक्षक उसे ऊपरी तल्ले से देखने लगे। इससे स्कूल में चीख-पुकार मच गयी। खून से लथपथ छात्रा को देख कई छात्राओं की तबीयत खराब हो गयी। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को क्लास रूम में रहने को कहा।

सुसाइड नोट में लिखा

आइ एम डाइंग बिकाउज डेथ। पारिवारिक समस्या और स्कूल व पढ़ाई के प्रेशर के कारण जीना नहीं चाहती।

दोस्तों ने कहा तनाव में थी

कक्षा छह की छात्राओं ने बताया कि वह पढ़ने में मेधावी है। हालांकि पिछले कई दिनों से वह मानसिक रूप से परेशान दिख रही थी। कुछ पूछने पर भी नहीं बताती थी। वहीं सूत्रों के अनुसार, पारिवारिक कारणों से छात्रा मानसिक रूप से परेशान रह रही थी।

शिक्षिकाओं के साथ अस्पताल पहुँची प्राचार्या

स्कूल की प्राचार्या जोस्फिरन खाखा ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना के बाद वह अन्य शिक्षिकाओं के साथ अस्पताल गयी। उन्होंने कहा कि भगवान से कामना करती है कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाये।

बच्चों के दिमाग पर सोशल मीडिया का पड़ रहा बुरा असर – मनोचिकित्सक

आजकल बच्चे सोशल मीडिया और अन्य माध्यम के कारण समय से पहले ज्यादा जानकारी ले लेते हैं। हालांकि उनका दिमाग उतनी जानकारी के लायक तैयार नहीं होता है। दिमाग अपने उम्र के हिसाब से ही स्ट्रेस (तनाव) झेलने के लायक होता है। यह धीरे-धीरे विकसित होता है। लेकिन सोशल मीडिया ने यह गति तेज कर दी है। यही कारण है कि दबाव की स्थिति में बच्चे गलत निर्णय ले लेते हैं। ऐसी कई घटनाएं हाल के वर्षों में दिखी है। बच्चों को पता नहीं होता है, कि जो करने जा रहे हैं, उसका असर क्या होगा। उस वक्त उनको जो सही लगता है, वही कर देते हैं।

डॉ निशांत गोयल, मनोचिकित्सक (बाल मनोरोग), सीआइपी (साभार)

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