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रांची कोर्ट ने हेमंत सोरेन को माना दोषी; ईडी के नोटिस की सात बार अवहेलना करने पर भेजा समन

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जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब रांची की एक अदालत ने पीएमएलए मामले में ईडी के नोटिस की अवहेलना करने का प्रथम द्रष्टया दोषी माना है।

साथ ही रांची कोर्ट ने हेमंत सोरेन को समन भेज कर अगले महीने तलब किया है। गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत हेमंत सोरेन को सात बार समन जारी किए गए थे। उन्हें सबसे पहले बीते साल 14 अगस्त को ईडी के सामने पेश होने के लिए पहली बार समन जारी किया गया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते महीने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इसमें कहा गया था कि जमीन घोटाले से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में शामिल होने के लिए ईडी के समन की हेमंत सोरेन ने जानबूझकर अवलेहना की। ईडी ने पीएमएलए और आईपीसी की धाराओं के तहत दायर अपनी शिकायत में अदालत से अनुरोध किया था कि हेमंत सोरेन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करना) के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

पूर्व सीएम को संघीय जांच एजेंसी ने 31 जनवरी को रांची में उनके आधिकारिक आवास पर दूसरे दौर की पूछताछ के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 48 वर्षीय झामुमो नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्ण कांत मिश्रा की अदालत ने सोमवार को जारी अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता ईडी के तथ्य और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 174 के तहत अपराध बनता है। ऐसे में आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 204 के तहत आरोपी हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं। ऐसे में हेमंत सोरेन को अदालत में उपस्थिति के लिए समन जारी करने का निर्देश दिया। फिलहाल मामले में अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 3 अप्रैल तय की है।

इसी तरह की एक शिकायत ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में एजेंसी के समन की कथित तौर पर तीन बार अवहेलना करने के लिए दायर की है। यह मामला 16 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। केजरीवाल को अब तक आठ समन जारी किए जा चुके हैं और उन्होंने इन नोटिसों को अवैध बताते हुए एजेंसी के सामने गवाही नहीं दी है। पेशी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ईडी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछताछ करे।

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