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ओम बिरला को टक्कर देंगे वसुंधरा के करीबी प्रहलाद गुंजल, कांग्रेस ने राजस्थान के 4 नाम घोषित किए

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कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए बचे हुए 4 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है। गुंजल हाल ही में बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए।

कांग्रेस ने अजमेर से रामचंद्र चौधरी को टिकट दिया है। जबकि राजसंमद से सुदर्शन रावत जबकि भीलवाड़ा से डाॅ दामोदर गुर्जर को टिकट दिया गया है। बता दें कांग्रेस ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा को छोड़कर सभी सीटों का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि यह सीट भारतीय आदिवासी पार्टी यानी बाप के छोड़ी जा सकती है। कांग्रेस ने सीकर और नागौर इंडिया गठबंधन के लिए छोड़ दी है। बाकि सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए है। राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें है।

कांग्रेस अब तक 21 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। दो सीटें पार्टी ने गठबंधन के लिए छोड़ी है। कांग्रेस ने सीकर लोकसभा सीट को सीपीआईएम के लिए और नागौर सीट को हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के लिए छोड़ दी है। भाजपा ने अब तक राजस्थान को लेकर दो लिस्ट जारी कर चुकी है। बीजेपी राजस्थान में 22 लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी को अब 3 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करना है।

प्रहलाद गुंजल को हाड़ौती संभाग का बड़ा गुर्जर नेता माना जाता है। राजस्थान की राजनीति में प्रहलाग गुंजल वसुंधरा राजे कैंप के माने जाते है। लेकिन जैसे ही वसुंधरा राजे की अनदेखी हुई तो कैंप के नेताओं ने बीजेपी का दामन छोड़ दिया। इनमें चूरू सांसद राहुल कस्वां और प्रहलाद गुंजल बड़े नाम है। बता दें बीजेपी ने पहले से ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। अब गुंजल और बिरला के बीच मुकाबला होगा। लोकसभा चुनाव 2019 में रामनारायण मीणा को बिरला के खिलाफ टिकट दिया था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार पार्टी ने गुंजल पर दांव लगाया है।

कांग्रेस ने अजमेर से रामचंद्र चौधरी को टिकट दिया है। पहले चर्चा थी कि पार्टी के वरिष्ठ नेता रघु शर्मा को टिकट दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इस बार नए चेहरों पर ही दांव लगाया है। बीजेपी ने अजमेर से भागीरथ चौधरी को टिकट दिया है। भागीरथ चौधरी विधानसभा का चुनाव हार गए थे। लेकिन पार्टी ने उन पर फिर विश्वास जताया है। बता दें अजमेर से सचिन पायलट लोकसभा चुनाव जीतकर मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने थे। लेकिन बाद में लोकसभा का चुनाव हार गए थे। माना जा रहा है कि रामचंद्र चौधरी को टिकट दिलाने में गहलोत की भूमिका रही है। पायलट किसी युवा नेता को टिकट दिलाना चाह रहे थे। इनमें विकास चौधरी का नाम शामिल है।

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