राज्य में नवंबर-दिसंबर में नगर निकायों का चुनाव कराया जा सकता है. गौरतलब है कि निकाय चुनावों को लेकर 10 सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी. जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने उक्त तिथि में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को निकाय चुनावों को लेकर टाइमलाइन तय कर षपथपत्र दायर करने का निर्देष दिया है.
मामले में हाईकोर्ट ने मुख्यसचिव व नगर विकास सचिव को अउालत में सशरीर उपस्थित होकर मामले में हलफनामा दायर करने को कहा है और इस सुनवाई के दौरान निकाय चुनाव को लेकर सरकार को हरहाल में स्थिति स्पष्ट करनी होगी. वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से नवंबर-दिसंबर तक चुनाव करा लेने का अदालत को हलफनामा दिया जा सकता है.
जबकि अदालत के निर्देश के अनुसार बुधवार को नगर विकास विभाग एवं मुख्यसचिव द्वारा अदालत में निकाय चुनाव को लेकर फ्लो चार्ट प्रस्तुत किया जाना है. जिसमें बताया जाएगा कि निकाय चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गयी है. जिसके तहत ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट, मतदाता सूची का विखंडन, आरक्षण रोस्टर का निर्माण समेत अन्य तैयारियों की जानकारी अदालत को देनी होगी.
वहीं राज्य सरकर द्वारा राज्य में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. राज्य के 48 नगर निकायों में कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार सामान्य जाति के 34.82, बीसी-1 के 31.36, बीसी टू के 14.34, एससी के 11.24 एवं एसटी के 8.2 फीसदी आबादी है.
पेसा नियमावली पर हाईकोर्ट में सुनवाई कल
उधर हाईकोर्ट में पेसा नियमावली गठित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर नौ सितंबर को सुनवाई होगी. इस मामले में भी हाईकोर्ट द्वारा कड़ा रुख अपनाए जाने की संभावना है. राज्य सरकार को बताना होगा कि राज्य में कब तक पेसा नियमावली गठित किया जायेगा. मामले में पंचायती राज विभाग के सचिव को अदालत में सशरीर उपस्थित होकर को बताना होगा कि सरकार कब तक नियमावली को मंजूरी देगी.