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करौली बाबा पर अब झारखंड के युवक ने लगाया आरोप

करौली बाबा का सबसे पहले चिकित्सक से विवाद हुआ था. फिर कानपुर के एक अधिवक्ता ने वीडियो वायरल करके बाबा को चैलेंज दिया था. अब झारखंड के युवक ने आरोप लगाया है कि आश्रम से उसके पिता गायब हो गए हैं.

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बिधनू थाना क्षेत्र से लेकर आसपास के तमाम इलाकों में हर किसी की जुबां पर जिस बाबा की सबसे अधिक चर्चा है, वह करौली बाबा हैं. नोएडा के एक डॉक्टर से सबसे पहले विवाद के बाद लगातार बाबा पर विवादों में घिरते जा रहे हैं. कानपुर शहर के एक अधिवक्ता ने तो बाबा को खुला चैलेंज देते हुए वीडियो वायरल किया था, जिसमें वह कह रहा था कि अगर उसके दोनों बेटों का बाबा इलाज कर देंगे तो वह अपनी पूरी संपत्ति बाबा के नाम कर देगा. इसके बाद एक झारखंड के युवक ने बाबा पर आरोप लगाया है कि उसके पिता करौली आश्रम से लापता हो गए.

हालांकि, अब बाबा भी अपने बचाव में नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अब बहती गंगा में सभी हाथ धोएंगे. इस वाक्य से उनका संदर्भ उनके प्रति रचने वाली गहरी साजिश से था, जो बात वह पहले दिन से कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि जितनी जांचें होनी हैं हो जाएं, सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. आश्रम में हजारों लोग रोज आते हैं तो क्या हम सभी पर नजर रखेंगे? उन्होंने कहा, अब हमारे अधिवक्ता अपने तरीके से पक्ष रखेंगे.

बाबा के बदले चेहरे के भाव: जैसे-जैसे मीडियाकर्मी सवाल पूछ रहे थे, वैसे-वैसे बाबा के चेहरे का भाव बदल रहा था. आवेशित होकर बाबा ने कहा कि चैलेंज वालों का तो बुखार नहीं ठीक होता, फिर कोई दूसरी समस्या कैसे सही होगी? उन्होंने कहा, कि इस आश्रम में जो भक्ति और आस्था के साथ आता है, उसे ही शांति मिलती है, बाकी को नहीं.

पुलिस के आला अफसर कर रहे जांच: कानपुर पुलिस के आला अफसर एक ओर जहां बाबा के विवादों संबंधी सभी मामलों की जांच कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वह बाबा को बदनाम किए जाने व उनके खिलाफ अगर साजिश रची गई तो उन साजिशकर्ताओं को लेकर भी गोपनीय ढंग से जानकारी कर रहे हैं. पूरे मामले पर संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि जो साक्ष्य हैं उनके आधार पर ही कार्रवाई होगी. बिना किसी तथ्य के हम कार्रवाई नहीं कर सकते.

आश्रम की कैंटीन में करते भोजन, बुक कराते रेलवे व एयर टिकट: बिधनू क्षेत्र के करौली आश्रम की सुविधाएं दिल्ली व अन्य बड़े शहरों के आश्रमों जैसी हैं. यहां भक्त कैंटीन में मनपसंद भोजन करते हैं, जबकि उनकी सुविधा के लिए रेलवे व एयर टिकट की बुकिंग भी आसानी से हो जाती है. आश्रम में जहां बाबा का दरबार लगता है, वहां एक साथ 500 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था है. भक्त बताते हैं, कि अगर कोई नौ दिन रुककर हवन करा लेता है तो बाबा का दावा है उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है.

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