जमशेदपुर : जमशेदपुर में आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। 9 अगस्त को चार लोगों ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में ख़ुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी और घरेलू विवाद बन रहे हैं आत्महत्या की मुख्य वजह।
केस 1
जमशेदपुर के मेहरबाइ टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच कैंसर अस्पताल) के लैब टेक्निशियन रवींद्र कुमार दास ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कदमा वर्कर्स फ्लैट निवासी रवींद्र दास 56 साल के थे और वे अस्पताल के कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष थे। रवींद्र कुमार दास ने अपने घर में फांसी लगायी। उनकी पत्नी कदमा आंध्रा स्कूल की टीचर है जबकि दो बेटे है, जो बंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है। बताया जाता है कि रवींद्र दास घर पर अकेले थे, पत्नी स्कूल गयी थी। स्कूल से लौटी तो अंदर से दरवाजा घर का बंद था। आत्महत्या के कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया है। (जारी…)
केस 2
जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र के कारमेल स्कूल के पास भाड़े के मकान में रहने वाले 18 वर्षीय आदित्य राज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम संघ का 11वीं का स्टूडेंट था। उसके पिता संजय सिंह है, जो बनारस में रहते है जबकि उसकी मां सरिता देवी चांडिल के एक स्कूल की टीचर है, जो सोनारी में भाड़े के मकान लेकर अपने बेटे के साथ रहती है। बताया जाता है कि वह अकेले था। इसी दौरान उसने फांसी लगा ली। मां घर पर नहीं थी, जब वह घर लौटी तो देखा कि बेटा फांसी पर लटका हुआ है।
केस 3
जमशेदपुर के गोलमुरी में भी 50 वर्षीय मिथलेश कुमार झा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह केबुल बस्ती के रहने वाले थे, जो कारपेंटर का काम करते थे। वह आर्थिक परेशानी से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली। गोलमुरी पुलिस आत्महत्या के कारणों का तलाश कर रही है। (जारी…)
केस 4
जमशेदपुर के बिरसानगर थाना क्षेत्र के टीआरएफ कॉलोनी में एक सिक्योरिटी गार्ड 19 वर्षीय साहिल ने घरेलू विवाद में दुपट्टा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। परिजन उसे फंदे से उतारकर एमजीएम अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव एमजीएम अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया गया है। गुरुवार को इसका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उसने एबीएम कालेज से पढाई की है। वह बाराद्वारी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था। बिरसानगर पुलिस को सूचना दे दी गई है। पुलिस मामले को जांच कर रही है।