
भारत की नीतू घंघास ने कमाल कर दिया. वो 48 किग्रा वेट कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं. उन्होंने मंगोलिया की मुक्केबाज लुतसाइखान अल्तानसेतसेग को एकतरफा मुकाबले में 5- 0 से हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला गोल्ड जीता. वो वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बन गई हैं। इससे पहले एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी, लेखा केसी, निखत जरीन ये कमाल कर चुकी हैं। भारतीय मुक्केबाज ने सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की अलुआ बल्किबेकोवा को 5-2 से हराकर फाइनल में एंट्री की थी, मगर फाइनल तो उन्होंने एकतरफा अंदाज में ही जीत लिया। पहला राउंड- फाइनल मुकाबले की बात करें तो पहले राउंड के शुरुआत में मंगोलिया की मुक्केबाज ने नीतू पर दबाव बनाने की कोशिश की, मगर भारतीय मुक्केबाज ने भी अपने पंच का दिखाया और वापसी करने में ज्यादा देर नहीं लगा। नीतू ने विपक्षी मुक्केबाज को गलती करने पर मजबूर किया।पहले राउंड के आखिरी के 15 सेकेंड में तो भारतीय मुक्केबाज और अधिक आक्रामक हो गई. पहला राउंड नीतू के नाम रहा।
दूसरा राउंड- दूसरे राउंड में दोनों के बीच बराबर की टक्कर दिखी, मगर नीतू मंगोलिया की मुक्केबाज से एक कदम आगे ही थी. मंगोलिया की मुक्केबाज ने नीतू पर क्लीप पंच जड़े, मगर उनके पंच से नीतू का आक्रामकता कम नहीं हुई. हालांकि इस दौरान भारतीय मुक्केबाज ने अपना बैलेंस गंवाया।
मंगोलिया की मुक्केबाज ने नीतू को मुकाबले से बाहर करने की लगातर कोशिश की, मगर भारतीय मुक्केबाज ने हार नहीं मानी. इस दौरान उन्हें येलो कार्ड मिला, जिसने भारतीय फैंस की टेंशन बढ़ा दी थी. येलो कार्ड के सिवाय दूसरे राउंड में नीतू हावी रही और शुरुआती 2 राउंड में ही नीतू ने चैंपियन बनने की कहानी लिख दी थी।
तीसरा राउंड- तीसरा राउंड काफी करीबी रहा. एक समय तो नीतू इस राउंड में पिछड़ गई थी, मगर आखिरी के 56 सेकेंड में मंगोलिया की मुक्केबाज को येलो कार्ड मिल गया, जिसने नीतू का जोश बढ़ा दिया. इसके बाद तो हाथ से निकलते राउंड के आखिरी के 30 सेकेंड में नीतू से क्लीन पंच से अंक बटोरे और मुकाबला अपने नाम किया