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झारखंड में अप्रैल से मॉर्निंग हो जाएंगे सरकारी-निजी स्कूल, 7 बजे से लगेगी क्लास

झारखंड के सभी सरकारी और निजी स्कूल अप्रैल से मार्निंग हो जाएंगे। यानी यहां कक्षाएं अब नौ बजे के बदले सुबह 7 बजे से शुरू होंगी। यह व्यवस्था अगले 3 महीने यानी 30 जून तक बनी रहेगी।

1 अप्रैल शनिवार होने के चलते 3 अप्रैल से नियमित प्रातकालीन कक्षाएं शुरू होंगी। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों का संचालन अब सामान्य दिनों में सुबह 8.45 बजे से शाम 4 बजे तक और गर्मी में 6.45 बजे से दोपहर 2 बजे तक करने का विरोध शुरू हो गया है।

शिक्षकों ने बताया तुगलकी फरमान
शिक्षकों ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। इस फरमान को न बदले जाने की स्थिति में सरकारी शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव से मिलकर इस फरमान को वापस लेने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि नया टाइम टेबल किसी भी स्थिति में व्यावहारिक नहीं है। इसमें निर्देश दिया गया है कि गर्मी के दिनों में स्कूल में छुट्टी होने से पहले दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक बच्चों के लिए खेल पीरियड रखा जाए। सवाल किया गया कि क्या धूप में बच्चों का खेलना उनके लिए ठीक है। शिक्षा सचिव से कहा कि विभाग आखिर किसी शिक्षक से कितने घंटे काम कराना चाहता है। जो समय सारणी जारी की गई है, उससे क्या फायदा होगा। संघ ने सवाल किया कि हर बार स्कूल का समय बदला जाता है। ऐसे में अब मूल्यांकन करने की जरूरत है कि पिछली बार जो समय बदला गया, उसका क्या लाभ हुआ।

विद्यालय में घंटा बढ़ाने से नहीं होगा सुधार
विद्यालयों में घंटे बढ़ाने से शिक्षा में सुधार होने वाला नहीं है। देश के आजाद होने से बाद से स्कूल का संचालन 10 बजे से 4 बजे तक तथा ग्रीष्मकाल में 6.30 बजे से 11.30 बजे तक होता रहा है, इसलिए इसी समय सारणी को फिर से लागू किया जाए। इसी के साथ शनिवार को हाफ डे संबंधी आदेश भी जारी किया जाए। शिक्षकों की मांगों पर शिक्षा सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जारी आदर्श दिनचर्या में संघ के साथ 10 अप्रैल को पुन बैठक कर आवश्यक संशोधन किया जाएगा। इसी परिप्रेक्ष्य में आंदोलन की रूपरेखा तय करने हेतु झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्यस्तरीय बैठक 9 अप्रैल को रांची संघ भवन में आयोजित होगी। सचिव से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल ने किया। इसमें पूर्वी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह भी शामिल थे।

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