
दिल्ली एनसीआर में चल रहे ‘कैंसर की नकली दवाइयों’ के मामले में कई खुलासे हुए हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरोह के आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी के 10 लोकेशन पर छापेमारी की. इसमें जांच एजेंसी को अब तक 65 लाख से अधिक कैश बरामद हुए हैं. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये एक संगठित गिरोह है जो कैंसर की नकली दवा बनाता और बेचता है.
दिल्ली में चल रहे ‘कैंसर की नकली दवा’ बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए, दिल्ली पुलिस की क्राइम विभाग ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का तार, दिल्ली सहित देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेश में फैला हुआ है. आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद, उनके पास से क्राइम विभाग को 90 लाख के करीब कैश बरामद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है.
बीन बैग में छुपा रखे थे लाखों रुपये.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामला के तहत कार्रवाई करते हुए, आरोपी विफल जैन, सूरज शाट, नीरज चौहान, परवेज मालिक, कोमल तिवारी, अभिनय और तुषार चौहान के दिल्ली और एनसीआर के 10 ठिकानों पर छापेमारी की. यहां से विभाग को लगभग, 65 लाख कैश बरामद हुआ.
ईडी ने बताया कि सूरज शाट के घर में बीन बैग में छिपाकर रखे गए 23 लाख रुपये मिले थे. एजेंसी ने बताया कि संदिग्धों के कब्जे से चल और अचल संपत्तियों के बारे में कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.