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झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगिर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार

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ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी आलमगीर आलम से उनके सचिव संजीव कुमार लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से 32 करोड़ 20 लाख रुपए बरामद होने और राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर रही थी।

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम इस मामले में बुधवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ के लिए रांची स्थित ईडी के दफ्तर पहुंचे थे। ईडी ने मंगलवार को उनसे सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर देर शाम तक पूछताछ की थी। ईडी ने घंटों की पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की है।

35.23 करोड़ रुपये जब्त किए जाने के बाद ऐक्शन
ईडी ने आलमगीर आलम को 14 मई को रांची जोनल कार्यालय में पेश होने के लिए समन जारी किया था। आलमगीर को उनके पीएस संजीव लाल के घरेलू सहायक के फ्लैट से भारी नकदी की बरामदगी के मामले में तलब किया गया था। ईडी ने पिछले हफ्ते आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उनके घरेलू नौकर जहांगीर आलम को 35.23 करोड़ रुपये जब्त करने के एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया था। उनसे भी लगातार पूछताछ की जा रही है।

सात टीमों ने की थी छापेमारी
ईडी राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। एजेंसी की कम से कम सात टीमों ने यह छापेमारी की थी। इसमें बड़ी रकम बरामद की गई थी। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, ये बरामदगी बड़े पैमाने पर रांची पहाड़ी के पास जहांगीर आलम के आवास से हुई थी। ईडी ने कहा था कि मामले में वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं जिसकी जांच की जा रही है। मंगलवार को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद ईडी कार्यालय से बाहर आए आलमगीर ने कहा था कि मुझसे जो भी सवाल पूछे गए मैंने उनका जवाब दिया है।

वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं को जाता था कमीशन
उल्लेखनीय है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। यह मामला सितंबर 2020 में ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम एवं अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की ओर से दर्ज किए गए मामले और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से मार्च 2023 में दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है। ईडी ने वीरेंद्र कुमार राम को पिछले साल गिरफ्तार किया था। ईडी का दावा है कि वीरेंद्र कुमार राम कमीशन लेता था। इसका 1.5 फीसदी हिस्सा वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं को जाता था।

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