
राजस्थान के खेतड़ी में बड़ा हादसा हुआ है. हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के खदान में लिफ्ट की चेन टूटने से 15 अधिकारी खदान में घंटों से फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए घंटों से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है.
हालात को देखते हुए कॉपर माइन में फंसे लोगों के लिए खाने के पैकेट अंदर भेजे गए हैं. फूड पैकेट्स के साथ जरूरी दवाइयां भी भेजी गई हैं, ताकि फंसे हुए लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो. वहीं, डॉक्टरों और एंबुलेंस की टीम को अलर्ट पर रखा गया है. बता दें कि हिन्दुस्तान कॉपर के कोलिहान खदान में 13 मई 2024 से निरीक्षण का काम चल रहा है.
जानकारी के अनुसार, हिन्दुस्तान कॉपर के खदान में फंसे 15 अधिकारियों में से 3 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. उन्हें एंबुलेंस से तत्काल अस्पताल भेजा गया है. बता दें कि खेतड़ी कॉपर खदान में 13 मई से निरीक्षण का काम चल रहा है. कोकाता से आई विजिलेंस की टीम हिन्दुस्तान कॉपर माइन का निरीक्षण कर रही थी. टीम के सदस्य 14 मई को खदान के अंदर गए थे. तमाम तरह के काम को पूरा करने के बाद टीम लिफ्ट से वापस लौट रही थी. बताया जाता है कि देर शाम 8:10 बजे जब सभी लोग वापस लौटरहे थे तो उसी वक्त लिफ्ट की चेन अचानक से टूट गई. हादसे की वजह से सभी लोग खदान के अंदर ही फंस गए.
लागातर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
कॉपर के खदान में हादसे की सूचना मिलते ही हर तरफ हड़कंप मच गया. स्थानीय प्रशासन को तत्काल इसकी सूचना दी गई. इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. पिछले 10 घंटे से भी ज्यादा के समय से बचाव कार्य चलाया जा रहा है. इसमें बुधवार को पहली सफलता तब मिली जब खदान में फंसे 15 में से तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इन तीनों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भेजा गया है. बता दें कि हालात को देखते हुए राहत एवं बचाव दल के सदस्यों ने खदान के अंदर जरूरी दवाइयों के साथ फूड पैकेट्स भी भिजवाए थे, ताकि न्यूनतम जरूरतों को पूरा किया जा सके.
1875 फीट नीचे हादसा
झुंझुनू के कोलिहान में हिन्दुस्तान कॉपर की खदान है. यह खदान काफी महत्वपूर्ण है. खेतड़ी के इसी कोलिहान खदान में मंगलवार देर शाम को बड़ा हादसा हो गया. बताया जा रहा है कि जमीन के 1875 फीट नीचे कॉपर खदान में लिफ्ट की चेन अचानक से टूट गई. इस वजह से कोलकाता से आई विजिलेंस की टीम अंदर ही फंस गई. हादसे की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एंबुलेंस की टीम को अलर्ट पर रखा गया. दूसरी तरफ, डॉक्टरों को भी अलर्ट पर रखा गया, ताकि खदान में फंसे लोगों को तत्काल मेडिकल सुविधाएं मिल सकें.