जमशेदपुर : उपद्रवियों द्वारा जमशेदपुर को साजिश के तहत अशांत करने की साजिश फलीभूत होता नजर आ रहा है। रामनवमी से शुरू हुआ विवाद अंदर ही अंदर अचानक सुलग उठा, और शनिवार को महावीरी झंडा उतारने के दौरान शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 3 स्थित जटाधारी हनुमान मंदिर के चौक पर झंडे के बांस में बंधे मांस के टुकड़े के बाद विवाद इस कदर भड़का कि रविवार देर शाम आते आते हिंसक रूप ले लिया।
बता दें कि शनिवार को शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 3 स्थित हनुमान अखाड़ा का झंडा उतारने के दौरान झंडे के बांस में मांस का टुकड़ा पाया गया था, जिसे पॉलिथीन में लपेटकर बांधा गया था। जिसके बाद हिंदूवादी संगठन आक्रोशित हो उठे और जमकर बवाल काटा। देखते ही देखते दोनों समुदाय के लोग आमने- सामने हो गए। हालांकि शनिवार को किसी तरह प्रशासन ने समझा- बुझाकर मामले को शांत कराया।
इधर रविवार को मंदिर कमेटी के लोग मंदिर में बैठक कर रहे थे। इसी दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद लोग आक्रोशित हो उठे और दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। हिंसा और आगजनी में कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए, दुकानों में आग लगा दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर जमशेदपुर के एसडीओ पियूष सिन्हा और सिटी एसपी के. शंकर समेत पूरा दलबल वहां पहुंचे। लेकिन दोनों तरफ से काफी हो हंगामा हो रहा था और नारेबाजी हो रही थी। हंगामा के बाद जब प्रशासन के कंट्रोल में भीड़ ना हो पाई तब प्रशासन ने वहां 144 निषेधाज्ञा लागू कर दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों तरफ लाठीचार्ज की। इस लाठीचार्ज का विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव भी किया गया, जिसमें 5-6 पुलिसवाले भी घायल हुए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। दोनों तरफ के हंगामे को किसी तरह शांत कराया जा सका लेकिन बाद में शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 3 के पास अचानक से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया गया।
जिसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। पुलिस की टीम ने फिर से सख्ती दिखाई, अतिरिक्त पुलिस बलों को वहां तैनात किया गया। खुद जमशेदपुर के एसएसपी प्रभात कुमार को भी वहां उतरना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वहां आंसू गैस भी छोड़े गए। फिलहाल माहौल बहुत तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। पुलिस टीम वहां गस्ती कर रही है जबकि पूरे एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।