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चंपाई सोरेन लौटे राँची, समर्थकों ने किया भव्य स्वागत, झामुमो को लेकर कही बड़ी बात

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रांची :- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन नयी दिल्ली से झारखंड की धरती पर पहुंच गये. उनका यहां पहुंचने पर रांची एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया. चंपाई सोरेन के साथ उनके बेटे बाबूलाल सोरेन भी मौजूद थे. चंपाई सोरेन का यहां आने पर जोरदार तरीके से स्वागत किया. हालात ऐसा हुआ कि रांची के मुख्य सड़कों पर चंपाई सोरेन के समर्थकों का ही हुजूम था. सारे लोगों की भीड़ लगी हुई थी. एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जुट गयी थी. इस दौरान झारखंड टाइगर चंपाई सोरेन जिंदाबाद के नारे लगाये गये. इस दौरान लोगों में काफी उत्साह नजर आया. उन्होंने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. उनका नगाड़ा के बीच स्वागत किया गया. फूल माला से लोगों ने लाद दिया. लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. वे बुधवार को झामुमो को छोड़ देंगे. इसके बाद 29 अगस्त को कैबिनेट की बैठक होगी. 30 अगस्त को चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल होंगे. भाजपा में शामिल होने को लेकर तैयारी की गयी है.

चंपाई सोरेन ने कहा है कि वे कभी झामुमो छोड़ना नहीं चाहते थे. लेकिन जहां इज्जत नहीं मिलेगा, वहां दुत्कारा जायेगा तो क्या किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति उनकी आस्था है. भाजपा में वे जा रहे है. हम कभी छोड़ना नहीं चाहते थे. उन्होंने बताया कि हमारे पीछे आदमी लगा दिया जा रहा है. हम जब सरकार चला रहे थे तो अचानक से हमारे सारे कार्यक्रमों को रद्द करा दिया गया. अचानक से कार्यक्रम रद्द होने को लेकर खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बात नहीं बतायी, किसी तीसरे व्यक्ति से बुलवाया. उन्होंने कहा कि झामुमो को गुरूजी शिबू सोरेन के साथ मिलकर अपने खून पसीने से सींचा है. हम लोगों ने संघर्ष किया है. आगे भी संघर्ष करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम सरकार चला रहे थे.

कोई अपनी मर्जी से हेमंत सोरेन ने हमको सीएम नहीं बनाया था. झामुमो पार्टी ने हमको सीएम बनाया था. जब सीएम बना तो हमने अपनी क्षमता के मुताबिक काम किया. प्रयास किया कि झामुमो की सरकार को बेहतर तरीके से चलाया जाये. लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया. जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आये तो हमारा कार्यक्रम दूसरे दिन था. लेकिन हेमंत सोरेन के एक व्यक्ति ने सारे कार्यक्रमों को रद्द कराकर हमको सूचित किया. इसके बाद अचानक से कहा जाता है कि कल विधायक दल की बैठक बुलायी गयी है. हम साथ साथ रहे. जैसे जैसे कहा गया, वैसे सरकार चलाया. उन्होंने कहा कि एक बात बताइये, कोई आदमी अपने ड्राइवर को गाड़ी चलाने देता है. ड्राइवर को कोई चाभी छीनकर नहीं लेता है. बोलता है चाभी रख दो. ऐसा कौन करता है. आपको क्या ऐसा ठीक लगेगा. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है. हमसे बात कर लेते. हमको बुलाकर बात करते, बोलते, ऐसा किया जाना है, हम सहर्ष कर देते. लेकिन ऐसा कोई नही करता है. हमको कोई खैरात में में पार्टी ने कुछ नहीं दिया था. हेमंत सोरेन के पिता गुरुजी शिबू सोरेन के साथ मिलकर पार्टी के लिए काम किया था, तब जाकर हमको कोई पद पर दिया गया था.

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