
जमशेदपुर : सीजीपीसी के झामुमो के पक्ष में बयान के बाद सिखों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।सीजीपीसी के प्रधान के बयान के बाद लगातार सिख समुदाय द्वारा आलोचना हो रही है। इसी क्रम में रंगरेटा महासभा के चेयरमैन सतपाल सिंह सट्टे ने बयान जारी कर कहा की सीजीपीएससी एक धार्मिक संस्था है और एक – एक सिख को अधिकार है कि अपना मत का उपयोग अपनी मनमर्जी से करें, क्योंकि लोकतंत्र में सभी को अधिकार है कि वह मत का उपयोग करें और मत का प्रयोग करने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीजीपीसी से अनुरोध है कि सीजीपीसी एक धार्मिक संस्था है और धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में अपना ध्यान दें। राजनीति के चक्कर में धार्मिक संस्था का सहारा लेकर अपना उल्लू सीधा करने का कार्य सीजीपीसी को नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीजीपीसी कृपया करके सिखों में दरार पैदा करने का काम ना करें, क्योंकि सिख स्वतंत्र है अपनी मर्जी से किसी को भी वोट डालने के लिए। सीजीपीएससी किसी एक पार्टी का प्रचार प्रसार करने से परहेज करें।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सीजीपीसी जैसी एक धार्मिक संस्था किसी राजनीतिक पार्टी के बैनर तले उनका प्रचार प्रसार कर रही है और वोट डलवाने के लिए कार्य करने का काम कर रही है। गुरुद्वारे की गिनती करवाते हुए इतने गुरद्वारे, उतने गुरुद्वारे का दावा करने वाली सीजीपीसी को ध्यान में रखना चाहिए कि उनके अपने ही मसले कई गुरुद्वारों में है जो इनसे सुलझ नहीं रहे। पहले सीजीपीसी को उन मसलों को सुलझाना चाहिए। उसके बाद स्वतंत्र रूप से जिस राजनीतिक दल में जाकर प्रचार प्रसार करना चाहे करें, न कि धार्मिक संस्था का उपयोग करके। सिखों से अनुरोध है कि अपनी मर्जी से जिसे चाहे उसे वोट डालें। सीजीपीएससी कोई नई परंपरा की शुरुआत ना करें, जिसकी कीमत आगे पूरी सिख समाज को चुकानी पड़े।