बेगूसराय : बिहार के लिए पकड़ौआ शादी का इस्तेमाल करना एक काफी नेचुरल टर्म माना जा सकता है। आए दिन यहां पकड़ौआ शादी के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में बिहार के बेगुसराय जिले से पकड़ौआ शादी का खूनी कारनामा सामने आया है। पकड़ौआ शादी से नाराज लड़की के ससुराल वालों ने पिता, बेटा और बेटी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। ट्रिपल मर्डर कांड से इलाके में दहशत का माहौल है।
मामला 17 फरवरी, शनिवार की है, जब पकड़ौआ शादी से नाराज 25 साल की महिला के ससुर ने उसके साथ-साथ पिता और बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। ये घटना बेगुसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के बिष्णुपुर आहुक गांव की है।
बेटी के ससुराल में अपनों की बिछी लाश
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जिन तीन लोगों की हत्या की गई, उनका नाम पिता उमेश यादव, बेटा राजेश यादव और बेटी नीलू कुमारी है। तीनों बेगुसराय के श्रीलगर इलाके के निवासी थे। मीडिया से बातचीत में साहेबपुर कमाल पुलिस स्टेशन के SHO, दीपक कुमार ने कहा, “घटना शनिवार शाम को हुई जब उमेश यादव अपने बेटे और बेटी के साथ नीलू कुमारी के ससुराल (गोविंदपुर) गए थे। ग्रामीणों के अनुसार, जब ससुर ने उन्हें देखा तो वह गुस्से से भड़क उठे और हाथापाई शुरू हो गई।”
ससुर ने अपनी ही बहू को मौत के घाट उतारा
पुलिस अधिकारी ने कहा, “हाथापाई के दौरान ही नीलू कुमारी के ससुर ने अचानक अपनी बंदूक निकाली और उन्हें करीब से गोली मार दी, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।” मृतक पिता की उम्र 60 साल, बेटे की 25 और बेटी की 21 साल थी।
नाराज ससुराल पक्ष दो साल बाद भी नीलू को नहीं ले गए घर
गोविंदपुर में ही बड़ी बहन लूसी कुमारी की भी शादी ललन यादव के साथ हुई थी। लूसी के पति ललन संजय यादव के भतीजे हैं। संजय और उनका परिवार अक्सर जाते रहते थे। वहीं नीलू भी अपनी बहन के घर आया करती थी। इस दौरान नीलू की जान पहचान लूसी के देवर हिमांशु से बढ़ी और कुछ दिनों बाद नीलू की हिमांशु के साथ शादी भी हो गई। एक ग्रामीण के अनुसार यह ‘पकड़ौआ शादी’ का मामला था, और इसी कारण से शादी के दो साल बाद भी नीलू कुमारी के ससुराल वाले उसे अपने घर नहीं ले जा रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और आगे की जांच की जा रही है।
जाने क्या है ‘पकड़ौआ शादी’
पकड़ौआ विवाह लड़के की जबरन शादी को कहते हैं. पकड़ौआ विवाह के लिए लड़की के घर वाले लड़के को अगवा करते हैं और जबरदस्ती उसकी अपने घर की लड़की से शादी करा देते हैं. पकड़ौआ विवाह के लिए उन लड़कों को अगवा पकड़ा जाता है जो ठीकठाक नौकरी करते हैं या फिर अच्छे पैसे कमाते हैं. पकड़ौआ विवाह इसलिए लड़की वालों के लिए सुविधाजनक है क्योंकि इसमें तय दहेज देने की मांग पूरी नहीं करनी पड़ती है. बिना दहेज दिए लड़की वालों को मन का माना अच्छी कमाई करने वाला लड़का मिल जाता है.