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शरद पवार को तगड़ा झटका, चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली NCP माना

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महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विवाद पर चुनाव आयोग ने अपना फैसला दे दिया है. चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को तगड़ा झटका देते हुए अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है.चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी विवाद पर 10 से अधिक सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है.

इसी के साथ चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को नाम और निशान भी हैंडओवर कर दिया है. इससे पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी विवाद मामले में उद्धव ठाकरे गुट को तगड़ा झटका दिया था और शिंदे गुट को ही असली शिवसेना बताया था.

आयोग ने अपने फैसले में याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालन किया जिसमें पार्टी के संविधान को देखते हुए लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण, संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल थे. वहीं, चुनाव आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार गुट को विशेष अनुमति दी है. शरद पवार गुट को अब नए चुनाव चिह्न का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजना होगा.

चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि ईसी ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. हम इसका विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं. वहीं, एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं. किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण होता है.

चुनाव आयोग ने शिवसेना विवाद मामले में दिया था इसी तरह का फैसला

एनसीपी पार्टी के नतीजों का कई दिनों से इंतजार था. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार खुद चुनाव आयोग की सुनवाई में शामिल हुए. इसके अलावा उनके गुट के दिग्गज नेता भी इस सुनवाई में शामिल होते रहे. अनुमान लगाया जा रहा था चुनाव आयोग शिवसेना के नतीजे से अलग फैसला देगा क्योंकि शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे जीवित नहीं हैं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार जीवित हैं. इसके अलावा वह सुनवाई में शामिल भी हो रहे थे. हालांकि, चुनाव आयोग ने वही नतीजा दिया है जो शिवसेना पार्टी विवाद मामले में दिया था.

पहले उद्धव ठाकरे को और अब शरद पवार को झटका

पिछले पिछले दो सालों में महाराष्ट्र की सियासत में कई बड़े घटनाक्रम देखने को मिले. 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण ढाई साल की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी में बगावत करते हुए कई विधायकों के साथ पाला बदल दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और खुद मुख्यमंत्री बन गए.

शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में दावा कर दिया कि उनका गुट असली शिवसेना है. इसके बाद मामला चुनाव आयोग पहुंचा. कई बार सुनवाई और तथ्यों को परखते हुए चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना. चुनाव आयोग ने पार्टी के साथ-साथ शिवसेना का निशान भी शिंदे गुट को अलॉट कर दिया.

शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम हैं अजित पवार

इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले साल 2 जुलाई को फिर से भूचाल आया. इस बार अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए शिंदे सरकार में शामिल हो गए और खुद डिप्टी सीएम बन गए. यहां भी अजित पवार ने अपने गुट को असली एनसीपी बताया. इसके बाद मामला चुनाव आयोग पहुंचा था. चुनाव आयोग में दोनों पक्षों की ओर से हलफनामा भी दिया गया था, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने फैसला अजित पवार के पक्ष में दिया है.

शरद पवार गुट बोला- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग की ओर से अजित पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि वो तो जाने (उनके पक्ष में) ही वाला था, इसमें कोई नई बात नहीं है. कहा जाता है घर का भेदी लंका ढाए. हम अभी भी अजित पवार को दोषी मानते हैं. हम महाराष्ट्र में मजबूत हैं, हमें कोई डर नहीं है, हमारे पास शरद पवार हैं. चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.

फैसले पर क्या बोलीं सुप्रिया सुले?

वहीं, शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो काम शिवसेना के साथ किया वही हमारे साथ किया गया. एनसीपी पार्टी के संस्थापक सदस्य और संस्थापक नेता एक ही व्यक्ति रहे हैं वो शरद पवार हैं. माहौल कुछ और है, देश में एक अदृश्य शक्ति है जो यह सब कर रही है. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

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