एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया धालभूमगढ़ से ही विमान उड़ाना चाहता है. इसके लिए एक बार फिर हवाई अड्डा के प्रस्ताव को कई मुद्दे पर सुधार के साथ झारखंड वन विभाग में भेजा गया है.
क्षेत्रीय उड़ान सेवा के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 26 मई के प्रस्ताव को अगर वन विभाग ने मंजूर कर लिया तो धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा. राज्य स्तर पर भी धालभूमगढ़ हवाई अड्डा के लिए भूमि हस्तांतरण की कागजी कार्रवाई जारी है. इसकी सभी कार्रवाई परिवेश पोर्टल में 16 मई तक अपडेट किया गया है. धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा बनने से जमशेदपुर के लोगों को विमान यात्रा के लिए रांची या कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा. समय व पैसे की बचत होगी.
प्रस्ताव की मंजूरी के बाद विमान कंपनियों से होगी बात एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर सिविल एविएशन धालभूमगढ़ से उड़ान सेवा शुरू करने के लिए विमान कंपनियों से भी संपर्क करेगी. मालूम हो कि धालभूमगढ़ हवाई अड्डे को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व झारखंड सरकार के बीच जुलाई 2019 से पत्राचार हो रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हवाई अड्डे योजना को मंजूरी दी थी. एलिफेंट कॉरिडोर का हवाला देकर वन विभाग ने एनओसी नहीं दिया. इससे एक बार हवाई अड्डा का प्रस्ताव यहां रद्द हो चुका है. वहीं, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो लगातार केंद्रीय उड्डयन मंत्री व प्रधानमंत्री के समक्ष धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा बनवाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स और छोटा नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन समेत अन्य संगठन वर्षों से जमशेदपुर में हवाई अड्डा की मांग कर रहे हैं.