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एमजीएम में 120 बेड का आइसीयू बनेगा, सेंट्रल पैथोलॉजी लैब भी होगा, गंभीर मरीजों को अब बाहर नहीं भेजना पड़ेगा

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में बेहतर इलाज और चिकित्सा सुविधा मजबूत करने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कालेज के प्रिंसिपल डा. दिवाकर हांसदा ने की।

बैठक में सभी विभागाध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में अस्पताल की छवि सुधारने, गंभीर मरीजों की देखभाल बढ़ाने और सुविधाओं के विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई।

सभी प्रमुख विभागों में विकसित होगा आइसीयू

प्रिंसिपल डॉ. हांसदा ने कहा कि एमजीएम में इलाज की अपार संभावनाएं हैं। यदि सभी चिकित्सक एकजुट होकर कार्य करें तो यहां जटिल सर्जरी भी आसानी से की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए सभी प्रमुख विभागों में आइसीयू विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इन विभागों में आइसीयू की सुविधा विकसित की जाएगी।

उपकरणों की खरीद जारी, सेंट्रल पैथोलॉजी लैब भी जल्द शुरू

इसमें प्रमुख रूप से शिशु रोग विभाग, बर्न यूनिट, मेडिसिन विभाग, महिला एवं प्रसूति रोग विभाग, सर्जरी विभाग समेत कुल मिलाकर लगभग 120 बेड का आइसीयू तैयार किया जाएगा। अभी कुछ विभागों में आइसीयू की शुरुआत हो चुकी है, जबकि मेडिसिन विभाग में इसे जल्द शुरू किया जाएगा।

प्रिंसिपल ने बताया कि फिलहाल वेंटिलेटर का पूर्ण उपयोग ऑक्सीजन प्लांट चालू होने के बाद होगा, लेकिन तब तक सी-पैप और बी-पैप मशीनों से आइसीयू संचालित किया जाएगा। सभी आइसीयू को सुचारू करने के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद प्रक्रिया जारी है।

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