झारखण्ड : स्वास्थ्य विभाग द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा का विस्तार करते हुए हाल ही में 206 नई एंबुलेंस इसमें जोड़ी गई। पूर्व से संचालित 337 एंबुलेंस में 206 को जोड़ने के बाद कुल संख्या 543 हो गई। इसके बावजूद लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। पहले की तुलना में मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने का अनुपात भी कम हुआ है। इसका बड़ा कारण पड़ताल के दौरान सामने आया। मालूम चला कि 543 में से करीब 400 गाड़ियां ही सड़कों पर दौड़ रही हैं, बाकी गाड़ियां चलने की स्थिति में नहीं हैं। इनमें आधी ब्रेक डाउन हैं, जबकि आधी में बैटरी की समस्या और इंजन की प्रॉब्लम है। (जारी…)

बताते चलें कि 18 अगस्त को ही पुरानी एजेंसी ने 108 सर्विस का काम नई एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को सौंपा है। इस दौरान कॉल सेंटर के साथ-साथ एंबुलेंस भी नई एजेंसी को सौंपनी थी। लेकिन पुरानी एजेंसी ने 337 की जगह अब तक 292 एंबुलेंस ही नई एजेंसी को सौंपी है। (जारी…)

शेष 45 गाड़ियां हैंडओवर के दौरान चलने की अवस्था में नहीं मिली, जिसके बाद पुरानी एजेंसी उसे सर्विस कराने के बाद नई एजेंसी को सौंपने के लिए तैयार हुई है। वहीं, सौंपी गई 292 गाड़ियों में भी करीब 70 गाड़ियां ऐसी हैं, जिनमें आधी की बैटरी डेड है। मेंटेनेंस के अभाव में कई गाड़ियों के इंजन में प्रॉब्लम आ गई है। यदि बगैर सर्विसिंग इसे सड़क पर उतारा गया, तो बड़ा हादसा भी हो सकता है। 337 में से 85 एंबुलेंस की स्थिति ऐसी है कि इनमें एसी तक काम नहीं करती।
