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साल का पहला सूर्यग्रहण कल, भारत में क्या होगा असर? सूतक का समय

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ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें.संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं. इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें. ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं.
ग्रहण के बाद खुद भी स्नान करें और देवी-देवताओं को भी स्नान कराएं. खाने की चीजों पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें शुद्ध करें और उसके बाद ही ग्रहण करें.

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सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा यह कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में आसानी से देखा जा सकेगा.

100 साल बाद एक ही दिन में 3 सूर्य ग्रहण

अप्रैल में लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत ही खास है. इसकी वजह यह है कि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा और तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार तीनों रूपों में देखा जा सकेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद बन रहा है जब एक ही दिन में 3 तरह का सूर्य ग्रहण दिखेगा.

सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाएं दें ध्यान

  • सूतक काल से ग्रहण काल के दौरान तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्‍तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें.
  • सूर्य ग्रहण के दौरान वे घर से बाहर न निकलें. अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाएं. मान्यता है ऐसा न करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है.
  • सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटने या फिर अन्य किसी यंत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने पर बच्चे में शारीरिक विकृति आती है.

सूर्य ग्रहण देखने के दौरान सावधानियां

नासा का कहना है कि सूर्य ग्रहण को बिना आंखों की सुरक्षा के देखने से आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है जिससे अंधापन भी हो सकता है. इसलिए, सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को देखने के लिए, ब्लैक पॉलीमर, एल्युमिनाइज्ड माइलर, या शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास जैसे उचित फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, आप टेलीस्कोप द्वारा व्हाइटबोर्ड पर सूर्य की छवि को प्रक्षेपित करके आसानी से सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) देख सकते हैं.

भारत में सूर्य ग्रहण क्यों नहीं दिखेगा?

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण या ‘वार्षिक रिंग ऑफ फायर’ ग्रहण भारतीय और प्रशांत महासागरों में केवल कुछ सेकंड के लिए ही देखा जा सकेगा. यह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देगा. कुल ग्रहण केवल तीन स्थानों में दिखाई देगा जिनमें एक्समाउथ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, तिमोर लेस्ते और पश्चिम पापुआ शामिल हैं.

ग्रहण के दौरान न करें ये काम

ग्रहण काल के दौरान सोना भी निषिद्ध माना गया है इसलिए इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. विशेष परिस्थितियों में या वृद्ध एवं बच्चों के लिए सोने का नियम मान्य नहीं है.

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में कब दिखेगा?

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण बहुत कम स्थानों से ही देखा जा सकेगा. ऑस्ट्रेलिया, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखेगा. इन जगहों से सूर्य में होने वाले पर्विरतन का देखा जा सकेगा. जबकि भारत में यह ग्रहण बिल्कुल भी नजर नहीं आयेगा.

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कैसे देखें?

2023 में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं. सूर्य ग्रहण देखते समय, सुरक्षा सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं और अंधेपन का कारण बन सकते हैं. नासा 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करने का सुझाव देता है. एक अन्य विकल्प दूरबीन के माध्यम से सूर्य को देखने के लिए एक टेलीस्कोप का उपयोग करना है.

महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप

ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें. ग्रहण खत्म होने के बाद फिर से नहाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार ऐसा करना जरूरी है.

ग्रहण खत्म होने पर करें ये उपाय

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

ग्रहण काल ​​के दौरान, कई प्रकार की अशुद्ध और हानिकारक किरणें निकलती हैं. तो, कुछ कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल ​​के दौरान किया जाना चाहिए

ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां

ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए. वहीं, सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.

सूर्य ग्रहण पर स्नान दान करने का है विशेष महत्व

सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है.

भारत पर क्या होगा असर?

20 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. हालांकि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव हर एक राशि के जातकों के जीवन पर अवश्य ही पड़ेगा.