लैक्मे कॉस्मेटिक की को-फाउंडर सिमोन टाटा का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें टाटा ग्रुप के चेयरमैन नोएल टाटा की मां और स्वर्गीय बिजनेसमैन रतन टाटा की सौतेली मां के तौर पर भी जाना जाता था।

शुक्रवार, 5 दिसंबर की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में थोड़ी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया।
टाटा ग्रुप ने बयान जारी किया
टाटा ग्रुप के एक बयान के मुताबिक, लैक्मे कॉस्मेटिक्स की मशहूर हस्ती को कोलाबा के कैथेड्रल ऑफ द होली नेम चर्च में आखिरी विदाई दी जाएगी। इसमें आगे कहा गया, “उन्हें भारत के लीडिंग कॉस्मेटिक ब्रांड के तौर पर लैक्मे की ग्रोथ में उनके योगदान और वेस्टसाइड चेन के साथ फैशन रिटेल की नींव रखने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट समेत कई समाजसेवी संगठनों के काम को भी गाइड किया।” “अपनी पॉजिटिविटी और पक्के इरादे से, उन्होंने अपनी जिंदगी की कई मुश्किलों को पार किया और हममें से कई लोगों को गहराई से छुआ।
सिमोन टाटा कौन थीं?
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में जन्मी सिमोन नेवल डुनोयर पहली बार 1953 में एक टूरिस्ट के तौर पर इंडिया आई थीं। सिमोन ने दो साल बाद नेवल एच. टाटा से शादी की और शादी के तुरंत बाद 1960 के दशक की शुरुआत में टाटा ग्रुप के साथ अपना प्रोफेशनल जुड़ाव शुरू किया।
सिमोन टाटा 1961 में लैक्मे के बोर्ड में शामिल हुईं, जो उस समय टाटा ऑयल मिल्स कंपनी (TOMCO) की एक छोटी सब्सिडियरी कंपनी थी, जो हमाम, ओके और मोदी सोप्स जैसे अपने पर्सनल केयर ब्रांड्स के लिए जानी जाती थी। एक साफ विजन के लिए उनके प्रयास ने ब्रांड को आज इतना बड़ा बना दिया।
उन्हें 1982 में लैक्मे की चेयरपर्सन बनाया गया और भारतीय महिलाओं के बीच ब्यूटी प्रोडक्ट्स को पॉपुलर बनाने और देश के पहले मॉडर्न कंज्यूमर ब्रांड्स में से एक को बनाने के लिए उन्हें ‘कॉस्मेटिक क्वीन ऑफ इंडिया’ के रूप में जाना जाने लगा।











