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झारखंड विधानसभा में 7,721.25 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, जाने किन योजनाओं पर सरकार कितना पैसा करेगी खर्च

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झारखंड के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 7,721.25 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। विभिन्न विभागों द्वारा 13,000 करोड़ रुपए की मांग भेजी गई थी, जिसे वित्तीय प्राथमिकताओं के आधार पर कम करके मंजूर किया गया। इस बजट में मंईयां सम्मान योजना, अधूरी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय निकायों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।

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कल यानि मंगलवार, 9 दिसंबर को इस अनुपूरक बजट पर विस्तृत बहस होगी। इससे पहले मानसून सत्र के दौरान 25 अगस्त को 4,296.62 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित किया जा चुका है।राज्य के विभिन्न विभागों ने कुल 13,000 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट की मांग भेजी थी।

इन प्रस्तावों की प्राथमिकता, महत्व और उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का मूल्यांकन करते हुए वित्त विभाग ने इस राशि को घटाकर 7,721.25 करोड़ रुपए पर अंतिम रूप दिया। अनुपूरक बजट में सबसे अधिक जोर मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर दिया गया है। इस योजना के लिए सर्वाधिक वित्तीय प्रावधान किया गया है, जिससे राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहयोग और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

इसके अलावा, अधूरी विकास योजनाओं और चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त राशि आवंटित की गई है।अनुपूरक बजट में गरीबी उन्मूलन, सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं को भी विशेष महत्व दिया गया है। पंचायतों और शहरी निकायों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता के लिए प्रावधान किया गया है, जिससे स्थानीय निकायों के विकास कार्यों में गति आने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा क्षेत्र में सुधार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से संबंधित परियोजनाओं के लिए भी राशि का उल्लेखनीय आवंटन किया गया है। विधायकों की विकास योजनाओं से जुड़े मदों को भी बजट में शामिल किया गया है।मार्च 2025 में राज्य सरकार ने 1.45 लाख करोड़ रुपए का वार्षिक बजट पेश किया था, जिसके बाद यह अनुपूरक बजट सरकार की विकास प्राथमिकताओं को और स्पष्ट करता है। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरू हुआ है और 11 दिसंबर तक चलेगा। कुल 5 कार्य दिवसों वाले इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधायी और वित्तीय निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

यह अनुपूरक बजट सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं, कल्याणकारी योजनाओं और विकास की प्रतिबद्धता को मजबूत आधार देता है और आगामी महीनों में राज्य के संसाधनों के प्रभावी उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।