मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे तथा विधायक दल के नए नेता चंपाई सोरेन द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के बाद अब गेंद राजभवन के पाले में है। सभी की निगाहें अब राजभवन पर टिकी हैं।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण सारे संवैधानिक प्रविधानों का अध्ययन कर गुरुवार को इस पर निर्णय ले सकते हैं। वह इस पर विधिक राय भी ले सकते हैं। बुधवार को भी देर रात तक राजभवन में इसे लेकर मंथन होता रहा।
झारखंड में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन
राज्यपाल के पास अब चम्पाई सोरेन को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का विकल्प है। हालांकि इससे पहले वे आइएनडीआइए के सभी विधायकों को राजभवन बुला सकते हैं।
चम्पाई सोरेन ने उन्हें 47 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि राज्यपाल खराब विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन की भी अनुशंसा कर सकते हैं।
आज कई आशंकाओं से उठेगा पर्दा
राज्यपाल पहले ही कह चुके हैं कि संविधान के संरक्षक के रूप में उनकी पूरी स्थिति पर नजर है। साथ ही वे लचर विधि व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठाते रहे हैं। ईडी के विरोध में झामुमो के प्रदर्शन का भी हवाला दे सकते हैं। गुरुवार को भविष्य में छिपे इन सभी आशंकाओं से पर्दा उठेगा।

लग सकता है समय भी
राज्यपाल निर्णय लेने में एक-दो दिनों का समय भी ले सकते हैं। फिलहाल वे गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री की याचिका पर होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर सकते हैं। राज्यपाल कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं तो वे केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज सकते हैं।
