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देश के गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष रहे शिवराज पाटिल का महाराष्ट्र के लातूर में निधन

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का लातूर में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। शिवराज पाटिल ने सुबह लगभग 6:30 बजे लातूर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

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वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज लातूर में ही चल रहा था। शिवराज पाटिल ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह लोकसभा अध्यक्ष भी रहे। वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में विभिन्न प्रमुख विभाग में भी रहे।

शिवराज पाटिल महाराष्ट्र के लातूर से सात बार सांसद रहे। वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे। यूपीए सरकार में शिवराज पाटिल को गृह मंत्री बनाया गया था। वह देश के रक्षा मंत्री भी थे।

इंदिरा गांधी सरकार में रहे रक्षा मंत्री

शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को हुआ था। वह 2004 से 2008 तक भारत के गृह मंत्री रहे। उन्होंने 1991 से 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर काम किया। वह भारत के 10वें लोकसभा अध्यक्ष थे। उन्होंने 2010 से 2015 तक पंजाब राज्य के राज्यपाल और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के तौर काम किया। शिवराज पाटिल ने 1980 के दशक में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के मंत्रिमंडलों में रक्षा मंत्री के रूप में काम किया।
मुंबई हमलों की ली थी नैतिक जिम्मेदारी

2008 के मुंबई हमलों के बाद हुई व्यापक आलोचना के बाद शिवराज पाटिल ने 30 नवंबर 2008 को अपने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने हमलों के लिए जिम्मेदार सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी ली थी।
सत्य साई बाबा के कट्टर अनुयायी थे

शिवराज पाटिल ने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में डिग्री प्राप्त की और बॉम्बे विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। 1967-69 के दौरान, वे स्थानीय सरकार (लातूर नगर पालिका) में कार्यरत रहे। केशवराव सोनावाने और माणिकराव सोनावाने ने शिवराज पाटिल को लातूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का पहला मौका दिलाने में मदद की। पाटिल पंचमसाली लिंगायत समुदाय से थे। उन्होंने जून 1963 में विजया पाटिल से शादी की थी। उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी हैं। वह सत्य साई बाबा के कट्टर अनुयायी भी थे।