पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर ग्रामीण के खेमाशुली में बुधवार की सुबह से कुड़मी समाज का रेल चक्का जाम आंदोलन शुरू हो गया I इसके चलते रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग दोनों जाम हो गए।

जानकारी के अनुसार, अब तक दक्षिण पूर्व रेलवे की 48 ट्रेनों के रद्द होने की सूचना है।
कुड़मी समाज की अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग
कुड़मी समाज अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलनरत है। कुर्मी समुदाय के सदस्यों का दावा है कि उन्हें 1931 तक अनुसूचित जनजाति के रूप में पंजीकृत किया गया था, लेकिन देश आजाद होने के बाद कुछ अज्ञात कारणों से उन्हें एसटी सूची से बाहर रखा गया। उनका कहना है कि वे ओबीसी सूची में शामिल हैं, जबकि एसटी समुदाय की सुविधाओं के पात्र हैं।

बंंगाल व झारंखड में कुर्मी के वोट हैं बेहद अहम
एक आंकड़े में तो इस बात तक का खुलासा हुआ है कि बंगाल में लगभग 50 लाख कुर्मी हैं। जंगलमहल के चार जिलों में कम से कम 35 विधानसभा सीटों पर इनके वोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यानि इन सीटों पर इस समुदाय के लोगों के वोट से उम्मीदवारों की हार-जीत-हार तय होती है। कुर्मी संगठनों के दावे के मुताबिक, झारखंड में उनकी आबादी 25 प्रतिशत है।
आंदोलन की भनक लगते ही रेलवे ने कई ट्रेनों को किया रद्द
समाज ने इससे पहले दिन राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की कोशिश की थी। अब कुड़मी समाज के प्रतिनिधियों ने खेमाशुली में रेल ट्रैक पर उतर कर रेलवे परिचालन सेवा को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। इस आंदोलन की पूर्व में भनक लगते ही रेलवे ने इस डिवीजन से चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
आरपीएफ व पुलिस बल ने संभाला मोर्चा
खेमाशुली में कुड़मी समाज के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे ने भी बड़े स्तर पर तैयारी की है। रेलवे के द्वारा काफी संख्या में आरपीएफ के जवानों को खेमाशुली में प्रतिनियुक्त किया गया। वहीं विधि व्यवस्था के लिए राज्य पुलिस बल भी अलर्ट पर हैं। इस कुड़मी आंदोलन पर रेलवे व जिला प्रशासन की कड़ी नजर हैं।