एक नई सोच, एक नई धारा

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण, मणिपुर पर हुए भावुक, 2047 तक का दिया विज़न, पढ़े पूरी ख़बर

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नई दिल्ली : 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से ना केवल सरकार की 9 साल की उपलब्धियां गिनाई बल्कि आगे का लक्ष्य भी तय कर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 का तिरंगा जब लहराएगा तब विश्व भारत का विकसित राष्ट्र के रूप में गुणगान करेगा। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने पूरे भाषण में क्या कहा। (जारी…)

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पीएम मोदी का पूरा भाषण


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा मेरे प्यारे 140 करोड़ देशवासियों। भारत का गौरव और सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को आजादी के इस महान पवित्र पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। मेरे प्यारे परिवारजन पूज्य बापू के नेतृत्व में असहयोग का आंदोलन, सत्याग्रह का मूवमेंट और भगत सिंह, राजगुरु जैसे अनगिनत वीरों का बलिदान। उस पीढ़ी में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने देश की आजादी में अपना योगदान ना दिया हो। मैं आज देश की आजादी की जंग में जिन जन ने योगदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है। उन सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं।

आज श्री अरविंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। यह वर्ष स्वामी दयानंद की 150वीं जयंती का वर्ष है। यह वर्ष रानी दुर्गावती के 500वीं जन्मशती का वर्ष है। यह वर्ष मीराबाई के 525 वर्ष का भी पावन पर्व है। इस बार हम जब 26 जनवरी मनाएंगे तो यह हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी। (जारी…)

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इस बार प्राकृतिक आपदाओं ने कई जगहो ंपर संकट पैदा किया। जिन परिवारों ने इस सहा है मैं उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन्हें संकटों से मुक्त करेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं। पिछले सप्ताह नॉर्थ ईस्ट में, विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। पिछले कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ हैं। पिछले कुछ दिनों से जो शांति बना रखी है, वही रास्ता अपनाएं। देश आपके साथ है। राज्य और केंद्र मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास करते रहेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल पहले जब किसी ने भारत के किसी छोटे राजा पर आक्रमण किया तो पूरे देश का नुकसान हुआ। मैं हजार साल पहले का जिक्र कर रहा हूं क्योंकि फिर से हमारे पास एक ऐसा मौका है। यह अमृतकाल का पहला साल है। यह कालखंड या तो हम जवानी में जी रहे हैं। इस कालखंड में जो हम करेंगे जो कदम उठाएंगे। जितना त्याग तपस्या करेंगे। एक के बाद एक फैसले लेंगे। आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। इस कालखंड में ोहने वाली घटनाएं एक हजार साल तक प्रभावी रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत को नई आशा और नई उम्मीद के साथ देख रहा है। भारत में डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी का अद्भुत संगम है। 30 साल से कम उम्र की युवा आबादी की तरफ पूरी दुनिया नई संभावना के साथ देख रही है। (जारी…)

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मैं देश के बेटे-बेटियों को कहना चाहूंगा, जो सौभाग्य आज मिला है, शायद ही किसी का नसीब होता है, जिसे ये मिला हो। इसे गंवाना नहीं है। मुझे युवा शक्ति पर भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। दुनिया को भारत की इस ताकत को देखते हुए अचंभा हो रहा है। आज लाखों युवा पूरी दुनिया को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्य आमजनों का सरकार पर भरोसा है और पूरी दुनिया का भारत के सामर्थ्य पर विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विश्वास नई बुलंदियों पर जाने वाला है और ये सभी हमारी नीचियों की वजह से संभव हो सका है। भारत की विविधता को दुनिया नए नजरिए से देख रही है। दुनिया के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अब भारत रुकने वाला नहीं है। दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसी भारत का गौरव गान कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद एक नया जियो-पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सप्लाई चेन बिगड़ गया तो भारत ने नई उपलब्धि हासिल की। (जारी…)

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जिस प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने ग्लोबल ऑर्डर लिया था उसी तरह कोरोने के बाद एक नया जिलो पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है। इसकी परिभाषाएं बदल गई हैं। मेरे प्यारे परिवारजनों आप गौरव करेंगे कि बदलते विश्व को शेप देने में मेरे 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है। आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं। कोरोना काल में भारत जिस तरह से आगे बढ़ा है। दुनिया ने हमारे सामर्र्थ्य को देखा है। जब दुनिया तहस नहस हो गई। मानवीय संवेदनाओं को लेकर हम विश्व का कल्याण कर रहे हैं। भारत की समृद्धि दुनिया के लिए एक अवसर बन रहा है। ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी, मैं विश्वास से कहता हूं कि भारत में आज जो कमाया है, वह दुनिया में स्थिरता कीगारंटी लेकर आया है। विश्वास बन चुका है। अब गेंद हमारे पाले में है। हमें अवसर जाने नहीं देना है।

मैं देश के बेटे-बेटियों को कहना चाहूंगा, जो सौभाग्य आज मिला है, शायद ही किसी का नसीब होता है, जिसे ये मिला हो। इसे गंवाना नहीं है। मुझे युवा शक्ति पर भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। दुनिया को भारत की इस ताकत को देखते हुए अचंभा हो रहा है। आज लाखों युवा पूरी दुनिया को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं।

राष्ट्रप्रथम सरकार का ध्येय

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मैं देशवासियों का इसलिए भी अभिनंदन करता हूं क्योंकि यहां समस्याओं की जड़ों को समझने का सामर्थ्य है। इसीलिए 2014 में देशवासियों ने तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो मजबूत और स्थिर सरकार चाहिए। पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए। तीन दशकों तक जो अस्थिरता का कालखंड रहा है। जो राजनीतिक मजबूरियों से देश जकड़ा था. उसे मुक्ति मिल गई।देश के पास एक ऐसी सरकार है जो सर्वजन हिताय. सर्वजन सुखाय के लिए काम करती है। जनता की पाई पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है। मेरी सरकार मेरे देशवासियों का मान इस बात से जुड़ा है कि हमारे हर निर्णय का एक ही मानदंड है। राष्ट्र प्रथम।

2014 में आपने एक मजबूत सरकार बनाई। 2014 और 2019 में आपने सरकार फॉर्म की तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत की। जब मोदी ने एक के बाद एक रिफॉर्म किए तो मेरे ब्यूरोक्रेसी के लोग, मेरे लाखों हाथ पैर, उन्होंने ट्रांसफॉर्म करने की और परफॉर्म करने की जिम्मेदारी निभाई। हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाया, कोई अगर इस रचना को भी अैलिसिस करेगा तो इसे आप समझ पाएंगे। हमने पर्यावरण की रक्षा के लिए पानी के लिए संवेदनशील व्यवस्थाएं बने उसपर बल दे रहे हैं। होलिस्टिक हेल्थकेयर समय कीमांग है। योग और आयुष दुनिया में परचम लहरा रहे हैं। अगर हम इस सामर्थ्य को नकार देंगे तो दुनिया कैसे स्वीकार करेंगी। मत्स्य पालन, हमारे कोटि-कोटि मछुआरे भाई बहनों का कल्याण हमारे दिलों में है। इसलिए हमने पशुपालन को लेकर अलग मंत्रालय बनाया। (जारी…)

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पीएम मोदी ने कहा, देश के कोने-कोने में हमने अलग कोऑपरेटिव मंत्रालय बनाया। हम चाहते हैं कि छोटी ईकाई भी देश की समृद्धि में योगदान दे सकें। जब हम 2014 में आए थे तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे। आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ रंग लाया है कि हम विश्व की अर्थव्य्वस्था में पांचवें नंबर पर हैं। यह ऐसे ही नहिं हुआ है। जब भ्रष्टाचार का राक्षस देश को दबोचे थे। लाखों करोड़ के घोटाले देश को दबोचे थे। तब हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्चने का प्रयास किया। जब देश समृद्ध होता है तो तिजोरी नहीं भरती है। देशवासियों का समार्थ्य बढ़ता है।

मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे की साक्षी में अपने देशवासियों को दे रहा हूं। आपको भी लगेगा कि इतना बड़ा बदलाव। 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से जाते थे। पिछले 9 साल में यह आंकड़ा 100 लाख करोड़ पहुंचा। घर बनाने के लिए 90 हजार करोड ़खर्च होताथा अब चौर सौ लाख करोड़ खर्च होता है। यूरिया को सस्ता करने के प्रयास हुए। 8 करोड़ लोगों ने अपना कारोबार शुरू किया है। हर ने एक या दो को काम दिया है। एमएसएमई को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की मदद से उन्हें डूबने नहीं दिया। वन रैंक वन पेंशन सेना के लिए सम्मान का विष्य था। 70 हजार करोड़ रुपये पहुंचा है। देश के विकास के लिए. कोने-कोने में रोजगार पैदा करने के लिए हमने काम किया है। ‘मेरे पांच सालों के कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ भाई-बहन गरीबी की जंजीरों को तोड़कर मध्यमवर्ग में आए। जीवन में इससे बड़ा संतोष कुछ नहीं हो सकता।’

विश्वकर्मा योजना होगी शुरू

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इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि पांच साल के कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ मेरे भाई बहन गरीबों की जंजीरों को तोड़कर मिडल क्लास के रूप में आए हैं। जीवन का इससे बड़ा संतोष कोई नहीं होगा। जब साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी की इस मुसीबत से बाहर निकलते हैं तो उन्हें आवास योजना का लाभ मिला है। पीएम स्वनिधि से 50 हजार करोड़ रुपये रेड़ी पटरी वालों को पहुंचाया। विश्वकर्मा जयंती पर परंपरागत कौशल से रहने वाले लोगों को, लोहार, सुनार, राजमिस्त्री, कपड़े धोने वाले, बाल काटने वाले भाइयों को नई ताकत देने के लिए आने वाले महीने में विश्वकर्मा योजान लॉन्च करेंगे। 15 हजार करोड़ से इसकी शुरुआत होगी।

जनजीवन मिशन पर दो लाख करोड़, आयुष्मान योजना पर 70 हजार करोड़ रुपये लगाए। कोरोना वैक्सीन पर 40 हजार करोड़ रुपये लगाए। पशुधन को बचाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाया है। जन औषधि केंद्रों में देश के मध्यम वर्गीय परिवार को एक नहीं ताकत मिली है। अगर संयुक्त परिवार में डायबिटीज भी जाए तो दोतीन हजार का बिल हो जाता था। अबद जन औषधि केंद्रों से लोगों को सस्ती दवाई दिलवाई। ये मध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं। अब देश में 10 हजार से 25 हजार जन औषधि केंद्र का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।

जब देश में गरीबी कम होगी तो देश के मध्यम वर्ग की ताकत बहुत बढ़ती है। आने वाले पांच साल में मोदी का गारंटी है। देश पहले तीन वैश्विक अर्थव्यव्स्था में जगह ले लेगा। पक्का जगह ले लेगा। आज जो साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए वे मध्यम वर्ग की ताकत बन जाते हैं। जब गांव की खरीद शक्ति बढ़ती है तो कस्बे और शहर की आर्थिक व्यवस्था तेजी से दौड़ती है। प्यारे परिवारजनों, शहर के अंदर जो लोग कमजोर हैं। मध्यम वर्गीय परिवार अपने घर का सपना देख रहे हैं। उनके लिए एक योजना ला रहे हैं। उसमें ऐसे मेरे परिवारजन जो किराए के मकान में रहते हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं। अगर वे अपना मकान बनाना चाहते हैं तो ब्याज से राहत देकर मदद करने का लक्ष्य रखा है। अगर इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ता है। तो मध्यम वर्ग का लाभ मिलात है। इंटरनेट का डेटा भारत में सबसे सस्ता है।

विश्व कोरोना के बाद उबर नहीं पाया। युद्ध का नया संकट खड़ा हुआ। विश्व महंगाई से जूझ रहा है। हम भी जब सामान इंपोर्ट करते हैं तो महंगाई भी इंपोर्ट करनी पड़ती है। भारत ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भरसक प्रयास किए। हमें सफलता भी मिली है।लेकिन इतने से संतोष नहीं होगा। मुझे देशवासियों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए और भी कदम उठाने हैं। मेरे प्रयास जारी रहेंगे। आज देश अनेक क्षमताओं को लेकर आगे बढ़ रहा है। देश आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने के लए काम कर रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए काम कर रहा है। वंदे भारत बुलेट ट्रेन चल रही है। इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो बनाई जा रही है। क्वांटम कंप्यूटर का काम हो रहा है। जैविक खेती पर बल दे रहे हैं. किसान उत्पादक संघ का निर्माण हो रहा है। (जारी…)

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हम पैरालंपिक में भी हिंदुस्तान का झंडा गाड़ने के लिए खिलाड़ियों को स्पेशल ट्रेनिंग दे रहे हैं। आज भारत पुराने ढर्रे को छोड़कर लक्ष्यों को तय करने के नजरिए से चल रहा है। मैं कहता हूं कि जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है. उसका उद्घाटन भी हमारी ही सरकार करती है। जिसका मैं अभी शिलान्यास कर रहा हूं. आप लिखकर छोड़िए कि उसका उद्घाटन भी आपने हमारे ही नसीब में छोड़ रखा है। सोच से ज्यादा. संकल्प से ज्यादा हासिल कैसे करना है। आजादी के अमृत महोत्सव में 75 हजार अमृत सरोवर बनाने का संकल्प किया है। यह अपने आप में बहुत बड़ा काम हो रहा है।

18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाना। सारे काम समय से पहले पूरे किए गए हैं। 200 करोड़ वैक्सिनेशन का काम किया गया। दुनिया की आंखें फट जाती है। यह मेरे देश का सामर्थ्य है। सबसे तेजी से 5जी रोलआउट करने वाले में भारत सबसे आगे है। अब 6जी की भी तैयारी हो रही है। रिन्यूबल एनर्जी टारगेट से आगे चल रहे हैं। 2030 के टारगेट को 2022 में पूरा कर दिया। 500 बिलियन एक्सपोर्ट की बात समय से पहले कर दिया। 25 साल से चर्चा हो रही थी कि देश में नई संसद बने। ये मोदी है समय से पहले नई संसद बना दिया । यह नया भारत है. आत्म विश्वास से भरा भारत है। संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी जान से भरा है। यह भारत ना रुकता है, ये भारत ना थकता है, ना हांफता है और ना ही ये भारत हारता है। इसलिए मेरे प्यारे परिवारजनों. आर्थिक शक्ति बढी है तो सामरिक शक्ति को भी नई ताकत मिली है। हमारी सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित हुई हैं।

सेना युवा बने, सेना युद्ध के योग्य बने इसलिए निरंतर रिफॉर्म का काम हो रहा है। प्यारे परिवारजनों. आए दिन सुना करते थे यहां बम धमाका हुआ, वहां हुआ। आज देश सुरक्षा का अनुभव कर रहा है। जब शांति होती है तो प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। सीरियल बम धमाके बीते हुए कल की बात हो गई है। आतंकी हमलों में कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी परिवर्तन का वातावरण बना है। जब 2047 विकसित भारत का सपना लेकर चल रहे हैं तब परिश्रम की पराकाष्ठा भी है। उसकी सबसे बड़ी ताकत राष्ट्रीय चरित्र होता है। दुनिया में जो देश विकसित हुए हैं, उसमें राष्ट्रीय चरित्र का बड़ा योगदान रहा है।

हमारा देश हमारा राष्ट्रीय चरित्र ओजस्वी हो, प्रखर हो यह हमारा सामूहिक दायित्व है। आने वाले 25 साल हम एक ही मंत्र लेकर चलें। एकता का संदेश। भारत की एकता को जीना। ना ऐसी मेरी कोई भाषा होगा, ना ऐसा कोई कदम होगा। भारत को जोड़ने का प्रयास मेरी तरफ से भी होता रहेगा। एकता के भाव के साथ, विविधता वाले देश में एकता का सामर्थ्य होता है। अगर 2047 में देश को विकसित भारत देखना है तो श्रेष्ठ भारत को चरितार्थ करना होगा। मैंने 2014 में कहा था जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। हमारी संस्थाएं होंगी तो श्रेष्ठ होंगी।

देश को आगे बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त शक्ति की जरूरत है और वह है वुमन लेड डिवेलपमेंट। आज भारत कह सकता है कि सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं तो मेरे देश में। चंद्रयान की बात हो तो उसका नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं। दो करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य लेकर हम स्वयं सहायता समूह पर काम कर रहे हैं। जी 20 में इस विषय को आगे बढ़ाया है। पूरा समूह इसके महत्व को स्वीकार कर रहा है। भारत विविधताओं से भरा देश है। असंतुलित विकास के हम स्वीकार रहे हैं। अब हमें रीजनल ऐस्पिरेशन को बल देना है। हमारा शरीर का कोई अंग अगर अविकसित रहे तो शरीर स्वस्थ नहीं माना जाएगा। अगर भारत माता का कोई भू भाग अगर दुर्बल रहे तो भारत माता स्वस्थय हैं ऐसा नहीं कहा जा सकता। इसलिए रीजनल विकास पर बल देने की जरूरत है।

ड्रोन की उड़ान का होगा आरंभ

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भारत लोकतंत्र की जननी है। परिधान, भाषाएं अलग हैं लेकिन सबको लेकर आगे बढ़ना है। जब मैं एकता की बात करता हूं तो घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। हिंदुस्तान के किसी भी भाग में कुछ हो हम सब पीड़ा का अनुभव करते हैं. देश की बेटियों पर जुर्म ना हो यह हम सबका दायित्व है। जब दुनिया के किसी देश में सिख भाई लंगर लगाता है और दुनिया में वाहवाही होती होती है। एक देश के मंत्री ने मुझसे सवाल पूछा कि आपके देश में बेटियां सायंस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करती हैं? हमने जब सच बताया तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ। आज गांव में आपको बैंक वाली दीदी मिलेगी, दवाई वाली दीदी मिलेगी, आंगनवाड़ी वाली दीदी मिलेगी। अब सपना है गांव में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। इसलिए हम नई योजना सोच रहे हैं। एग्रीटेक को बल मिले इसलिए महिलाओं को ड्रोन चलाने और ड्रोन रिपेयरिंग की ट्रेनिंग देंगे। महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन की ट्रेनिंग देगी और इसका उपयोग खेती में किया जाएगा। ड्रोन की उड़ान का आरंभ कर रहे हैं।

पिछले 9 साल में आदिवासी क्षेत्र में, पहाड़ी क्षेत्र में विकास को बल दिया है। मातृाषा में पढ़ाने पर बल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब जो जजमेंट देंगे उसका ऑपरेटिव पार्ट उसकी भाषा में उपलब्ध होगा। प्यारे परिवारजनों, जो सीमाई गांव हैं, वाइब्रेट बॉर्डर विलेज का कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक इसे देश का आखिरी गांव कहा जाता है। सीमा पर नजर आने वाला गांव देश का पहला गांव है। मुझे खुशी है कि कार्यक्रम के विशेष मेहमान सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान यहां मौजूद हैं। पहली बार वे इतनी दूर तक आए हैं। हमने संतुलित विकास की कल्पना की और आज उसके सुखद परिणाम मिल रहे हैं। हमारा देश एक विश्व मित्र के तौर पर सामने आया है। हमें खुशी है कि अमेरिकी संसद के भी गणमान्य इस कार्यक्रम में मौजूद हैं। हम विश्व मंगल की बात आगे बढ़ते हैं। हमने कहा, वन अर्थ, वन हेल्थ।

सपने अनेक हैं। नीयत साफ है लेकिन कुछ सच्चाइयो ंको स्वीकर करना होगा और उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों के लिए मैं आज लालकिले से आपकी मदद मांगने आया हूं। मैं लालकिले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। पिछले साल मैंने जो समझा है और देश की आवश्यकताओं को परखा है। आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को हमें लेना होगा। 2047 जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। रत्तीभर भी हमें रुकना नहीं है । इसके लिए शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता मजबूती की जरूरत है। हम इसते जितनी खाद पानी दे सकते हैं. नागरिक के नाते, संस्थाओं के नाते, यह हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए। 75 साल का इतिहास देखिए। भारत के सामर्थ्य में कोई कमी नहीं थी। जो देश सोने की चिड़िया कहा जाता था वह देश क्यों ना फिर खड़ा हो जाए। जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तो मेरा देश विकसित भारत बनकर रहेगा। (जारी…)

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कुछ विकृतियां हमारी समाज व्यवस्था में घुस गई हैं। कभी-कभी हम आंख बंद कर लेते हैं। अगर संकल्प सिद्ध करना है तो आंख में आंख मिलालकर तीन बुराइयों से लड़ना समय की मांग है। भ्रष्टाचार ने दीमक की तरह सामर्थ्य को नोच लिया। भ्रष्टाचार से मुक्ति, इसके खिलाफ जंग। मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा परिवारवाद ने हमारे देश को नोच लिया। इसने देश के लोगों का हक छीना है। तुष्टीकरण ने भी देश के मूलभूत चिंतन को दाग लगा दिया। इसलिए प्यारे परिवारजनों हमें इन तीन बुराइयों के खिलाफ सामर्थ्य के साथ लड़ना है। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण। यह एक गंदगी है। भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। देश में जो दो लोग गलत फायदा उठाते थे उन्हें रोक दिया। ये 10 करोड़ वे लोग थे जिनका जन्म ही नहीं हुआ. उनके नाम पर फायदे लिए जाते थे। 10 करोड़ ऐसी बेनामी चीजें थीं।

हमने भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। लोगों का मेरे प्रति नाराज होना स्वाभाविक है। पहले कैमरा के सामने चीजें हो जाती थीं लेकिन बाद में अटक जाती थी। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ इमानदारी से लड़ रहे हैं। परिवारवाद और तुष्टीकरण ने देश का बड़ा नुकसान किया है। लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है कि कोई राजनीतिक दल, यह ऐसी विकृति है जो कभी भारत के लोकतंर् को मजबूती नहीं देगी। परिवारवादी पार्टी। इनका मंत्र है, पार्टी फर द फैमिली, बाइ द फैमिली। उनका राजनीतिक परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिए। यह भाई भतीजावाद योग्यता के दुश्मन है। इसलिए परिवारवाद से लोकतंत्र की मजबूती के लिए मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने समाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। देश विकास चाहता है। देश 2047 अगर विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है तो किसी भी हालत में देश में भ्रष्टाचार को सहन ना करें। प्यारे परिवारजनों, हमारा महत्वपूर्ण दायित्व है। आपने जैसी जिंदगी जी है, आने वाली पीढ़ी को भी ऐसी जिंदगी जीने के लिए मजबूर करना अन्याय है। (जारी…)

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2014 में मैंने परिवर्तन का वादा किया और पूरा किया। 2019 में आप फिर से आशीर्वाद लिया। पर्फऑर्मेंस मुझे दोबारा ले आया। आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लालकिले से देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, संकल्प, उसकी सफलता के गौरव गान उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। मेरे परिवारजनों. मैं आपके बीच से निकला हूं। मैं आपके लिए जीता हूं। अगर सपना भी आता है तो आपके लिए आता है। मैं पसीना बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। मैं इसलिए कर रहा हूं कि आप मेरे परिवारजन हैं। आपके परिवार के सदस्य के नाते मैं आपके दुख को देख नहीं सकता। मैं आपके संकल्प को सिद्धी तक ले जाने के लिए आपका सेवक बने रहने का संकल्प लेकर चला इंसान हूं। हमारे पूर्वजों के सपने, आशीर्वाद हमारे साथ हैं। देशवासियों के लिए एक ऐसा अवसर आया है जो हमारे लिए संबल है। मेरे प्रिय देशवासियों, यह अमृतकाल का पहला साल है। मैं आपको पूरे विश्वास से कहता हूं। जलता जलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र।। सबके सपने, अपने सपने। पनपे सपने सारे। धीर चले वीर चले चले युवा हमारे। नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई। चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम। प्यारे परिवारजनों, आप सबको आजादी के पावनपर्व की एक बार फिर शुभकामनाएं। अमृतकाल हम सबके लिए कर्तव्य काल है। हम सबको मां भारती के लिए कुछ करने का काल है। हमें पल पल देश के लिए जीना है। इस अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों के सपने को सिद्धी में परिवर्तित करना है। 2047 का तिरंगा जब फहरेगा तो विश्व विकसित भारत का गुणगान करेगा।