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झारखंड: जमीन घोटाले में राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ नया केस दर्ज, जेल में चली लंबी पूछताछ

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रांची में जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने एक नया केस इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट दर्ज किया है। यह केस रांची के सदर थाने में एक जून 2023 को दर्ज कांड संख्या 272/2023 के आधार पर दर्ज किया गया था।

इस केस का आरोपित बड़ागाईं अंचल का राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद है, जिसे ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत छानबीन के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।

ईडी ने 13 अप्रैल व 26 अप्रैल को भानु प्रताप प्रसाद के आवास में छापेमारी की थी, जिसमें उसके आवास से ईडी ने बड़ागाईं अंचल से संबंधित 17 सरकारी दस्तावेज (पंजी-2) बरामद किये थे।

उक्त दस्तावेज को भानु प्रताप ने अपने यहां अवैध तरीके से रखा था। सभी पंजी-2 में हेराफेरी की पुष्टि हुई थी। इन सभी दस्तावेजों को भानु प्रताप प्रसाद ने अपने आवास में रखे 11 अलग-अलग ट्रकों में रखा था।

जालसाजी से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज

ईडी की अनुशंसा के आधार पर रांची के उपायुक्त के आदेश से बड़ागाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने गत एक जून को जालसाजी से संबंधित धाराओं में भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसी केस को ईडी ने टेकओवर करते हुए अब नया केस किया है। अब इस केस के दायरे में पूरा बड़ागाईं अंचल मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के दायरे में आ जाएगा।

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बरामद सरकारी दस्तावेजों पर ईडी ले रही बयान

केस दर्ज करने के बाद ईडी के अधिकारियों की एक टीम ने शनिवार को होटवार स्थित केंद्रीय कारा में भानु प्रताप प्रसाद से दिनभर पूछताछ की। अब ईडी इस नए केस में उसका बयान ले रही है। ईडी ने उससे बरामद दस्तावेज के बारे में विस्तृत जानकारी ली।

यह भी पूछा कि उसने कौन-कौन से जमीन दलाल की मदद की। ईडी ने यह जानने की कोशिश की कि वह सरकारी दस्तावेज किसकी अनुमति से अपने घर में ले जाकर रखा था। दस्तावेजों में हेराफेरी के लिए उसे कौन निर्देशित करता था।

इस हेराफेरी में उसने किसकी-किसकी मदद ली। दस्तावेजों में हेरफेरी कर उसने कितनी अवैध संपत्ति अर्जित की है। अवैध कमाई का हिस्सा कहां-कहां बंटा।

इन सभी बिंदुओं पर ईडी ने विस्तार से जानने की कोशिश की है। उसने पूर्व में दिए गए बयान को भी दोहराया है कि वह तत्कालीन रांची के उपायुक्त छवि रंजन तक हर महीने ढाई लाख रुपये पहुंचाता था। तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के कहने पर कई जमीन के दाखिल खारिज में उसने पद का दुरुपयोग किया।

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बीमार पड़ जा रहा है विष्णु अग्रवाल

जमीन घोटाले में गिरफ्तार न्यूक्लियस माल के संचालक विष्णु अग्रवाल ईडी की रिमांड पर है। इस दौरान तीसरे दिन ईडी ने उससे जब स्मार्ट सिटी में निवेश से संबंधित सवाल किया तो वह बीमार पड़ गया।

ईडी ने उसका इलाज भी करवाया है, साथ ही उससे सिरमटोली व पुगड़ू की जमीन की खरीद-बिक्री में किए गए निवेश के संबंध में भी सवाल किया है।

कहां से कितने पैसे आए, किसने-किसने उसके साथ मिलकर निवेश किया, इन सभी बिंदुओं पर ईडी उससे पूछताछ कर रही है।

अब तक की पूछताछ में ईडी को कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है, जिसे फिलहाल गोपनीय रखा गया है। ईडी उक्त गोपनीय जानकारियों पर आगे की कार्रवाई कर रही है।