धनबाद : बलियापुर प्रखंड की करमाटांड़ पंचायत के हुचुक टांड़ गांव में बुधवार को आयोजित भोक्ता मेला में विषाक्त चाट, गोलगप्पा व छोला-भटूरा खाकर 200 से अधिक लोग बीमार पड़ गये। फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत लेकर रात नौ बजे से आधी रात बाद तक एसएनमएमएमसीएच व शहर के अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते रहे। रात 11.30 बजे तक एसएनएमएमसीएच में 150 से अधिक मरीज पहुंच चुके थे। शहर के दूसरे निजी अस्पतालों में भी इलाज के लिए बीमारों को भर्ती कराया गया। बीमारों में एक वर्ष के बच्चा से लेकर 90 वर्ष के वृद्ध तक शामिल थे। इतनी संख्या में मरीजों के एक साथ आने पर एसएनएमएमसीएच में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गयी।

अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ-साथ सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टॉफ को इलाज में लगा दिया। इस दौरान बीमारों को प्राथमिक इलाज के साथ ग्लूकोज चढ़ाया गया। दूसरी ओर, पुलिस-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम देर रात हुचुक टांड़ गांव पहुंची। गांव में टीम कैंप कर बीमार लोगों की खोज-खबर लेती रही।
बीमार लोग हुचुकुटांड़, करमाटांड़, बरई टोला, नीचे टोला, आदिवासी टोला, कुम्हार टोला, बीसीसीएल कॉलोनी करमाटांड़, धोखरा, कहालडीह, ढांगी आदि गांवों के रहनेवाले हैं।
एसएनएमएमसीएच में पांव रखने की नहीं थी जगह
एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में इतनी संख्या में मरीजों के एक साथ आने से एक भी बेड खाली नहीं बचा। अधिकतर मरीजों का इलाज जमीन पर लिटा कर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार अधिकतर की स्थिति नियंत्रण में है। छोटे बच्चों में अधिक उल्टी के कारण पानी की कमी हो गयी है। उनका उपचार किया जा रहा है। इधर, मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इन्हें इएनटी, सर्जरी व पीडियाट्रिक विभाग में शिफ्ट किया। इन वार्डों में बेड कम पड़ने की वजह से एक बेड पर दो से तीन मरीजों को लिटा कर इलाज किया गया।