झारखंड : चतरा में तीन अप्रैल को पुलिस मुठभेड़ में पांच माओवादियों के मारे जाने के विरोध में झारखंड के पलामू और आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों द्वारा आहूत दो दिवसीय बंद के पहले दिन शुक्रवार को पलामू जिले के तीन थाना क्षेत्रों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, अन्य क्षेत्र बंद से प्रभावित नहीं हुए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र के नौडीहा में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पांच माओवादियों के विरोध में राज्य के पश्चिमी जिलों में चरमपंथियों के प्रतिबंधित संगठन ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी’ (माओवादी) ने 14 एवं 15 अप्रैल को बंद का आह्वान किया है।
छत्तरपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसपीडीओ) अजय कुमार ने ‘पीटीआई/भाषा’ से बातचीत में कहा कि माओवादियों के इस बंद का हरिहरगंज, पीपरा और नौडीहा थाना क्षेत्र में जबरदस्त असर देखने को मिला क्योंकि इन क्षेत्रों में सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे और दूकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे।
पुलिस चौकसी के बीच आम जीवन को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। अबतक किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
दूसरी तरफ लेस्लीगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसपीडीओ) आलोक कुमार टूट्टी ने बताया कि चतरा जिले से सटे पलामू जिले के मनातू, तरहसी, पिपराटांड़ और पांकी थाना क्षेत्रों में पुलिस सतर्क है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए गश्त तेज कर दिया गया है। टूट्टी ने बताया कि बंद का इस पुलिस अनुमंडल में विशेष प्रभाव अभी तक नहीं दिखा है।
माओवादियों के इस बंद की जानकारी बिहार के गया जिले के भदवर थाना क्षेत्र के नंदई और रोशनगंज थाना क्षेत्र के बालासोत के बिजली के ट्रांसफर में हस्तलिखित पोस्टर के माध्यम से हुई थी। जिसमें झारखंड के पश्चिमी भाग तथा बिहार के कुछ हिस्सों में बंद की बात कही गयी थी।