आम जन जीवन में कोई नहीं चाहता कि कभी थाना कचहरी के चक्कर लगे लेकिन यदि चक्कर लग ही गया तो जानकारी के आभाव में परेशान हो जाते हैं और कई तो थक हार कर सबकुछ नियति पर छोड़ देते हैं। तो आइए जानते हैं कानून की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां अधिवक्ता अंकित पांडेय से :
◆ यदि आप पुलिस स्टेशन का चक्कर काट रहे हैं और पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कर रही तो 112 नम्बर पर पहले कॉल कर लें, यह टोल फ्री नंबर होता है और पुलिस कंट्रोल रूम में यह कॉल लगता है और यह रिकॉर्ड भी होता है। इसके बाद भी पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कर रही तो आप इसे कोर्ट में चैलेंज भी कर सकते हैं।
◆ आप थाना जाते हैं और आपको यदि लिखना नहीं आता है तो भी आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं, इसके लिए आप पुलिस को सारी जानकारी बताते जाएंगे और वह शिकायत लिखेंगे और उसकी एक कॉपी भी आपको धारा 152 (2) सीआरपीसी के तहत देगी और इसका कोई चार्ज भी नहीं ले सकती पुलिस।
◆ आप यदि हिंदी या अंग्रेजी नहीं भी जानते है तो भी आप अपने क्षेत्रीय भाषा में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, और पुलिस को आपकी शिकायत दर्ज करनी होगी।
◆ यदि संज्ञेय अपराध (cognizable offence) हुआ है और पुलिस आपकी रिपोर्ट नहीं लिख रही तो आप धारा 166A के तहत पुलिस पर कार्रवाई करा सकते हैं। आपको बस पुलिस का नाम, पद और किस थाना से हैं यह लिख कर देना होता है।
संज्ञेय अपराध :
संज्ञेय और असंज्ञेयअपराध की परिभाषा क्रीमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC 1973) की धारा 2 (सी) और 2 (एल) में दी गई है। इस अधिनियम की धारा 2 (सी) कहती है कि ऐसा अपराध जिसमें पुलिस किसी व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, वह संज्ञेय अपराध कहलाता है। पुलिस के पास संज्ञेय अपराधों में बिना वारंट गिरफ्तार करने के अधिकार है।
संज्ञेय अपराध कौन से हैं :
अगर आपको यह जानना है कि संज्ञेय अपराध कौन से हैं तो आपको क्रीमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC 1973) का शेड्यूल 1 देखना होगा, जिसमें हत्या, बलात्कार, दहेज़ हत्या, अपहरण, दंगा करना आदि को संज्ञेय अपराध की सूची में रखा गया है। यहां आपको संज्ञेय अपराध की पूरी लिस्ट मिलेगी। इस लिस्ट में गंभीर प्रवृति के अपराध शामिल किए गए हैं।