कोल्हान विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को 27 लाख 21 हजार रुपये वापस करेगा। यह राशि 5442 विद्यार्थियों को वापस की जानी है। यह राशि विश्वविद्यालय ने 49 कॉलेजों व विवि के पीजी विभागों के बैंक खाते में विद्यार्थियों को रिफंड करने के लिए भेज दी।
विश्वविद्यालय को यह रिफंड पांचवे दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करने वाले विद्यार्थियों को करना है
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. जयंत शेखर ने इस बाबत सूचना सभी कॉलेजों को भेज दी। अब प्रति विद्यार्थी 500 रुपये रिफंड करने की जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी। 27 लाख 21 हजार रुपये उन विद्यार्थियों को वापस किए जाने हैं, जिन्हें विवि बैंक खाते में सीधे राशि वापस नहीं कर पाया। कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ. पीके पाणी ने बताया कि अधिकतर छात्रों ने पिछले वर्ष दीक्षांत समारोह के लिए ऑनलाइन राशि दी थी। जिन विद्यार्थियों ने अपने बैंक खाते से ऑनलाइन पेमेंट किया था, उन्हें तो रिफंड की राशि खाते में भेज दी गई, लेकिन अधिकतर विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्होंने साइबर कैफे संचालकों के आवेदन भरने के क्रम में साइबर कैफे संचालकों के बैंक खाते से ही राशि कटवाई थी। वैसे विद्यार्थियों को बैंक खाते में ऑनलाइन राशि नहीं भेजी जा सकी। डॉ. पाणी के मुताबिक वैसे ही विद्यार्थियों को ही अब कॉलेज के माध्यम सीधे राशि का भुगतान किया जाएगा। इस मद में प्रति छात्र 500 रुपये का भुगतान किया गया था।

सभी 49 कालेजों को केयू के 23 अलग-अलग पीजी विभागों के बैंक खाते में विवि की ओर से राशि भेज दी गई। गौरतलब हो कि पिछले साल विद्यार्थियों ने दीक्षांत समारोह का बहिष्कार कर दिया था। छात्रों ने यह बहिष्कार कोल्हान विवि की ओर से आयोजित मुख्य दीक्षांत समारोह में मेडल व प्रमाणपत्र नहीं बांटे जाने के कारण किया था। पिछले साल अलग-अलग जगह एक साथ दीक्षांत का आयोजन किया गया था।
टाटा कॉलेज को सर्वाधिक 4.93 लाख का भुगतान
कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेजों को जो राशि भेजी गई, उसमें सर्वाधिक राशि टाटा कॉलेज चाईबासा के खाते में गई। टाटा कॉलेज को चार लाख 95 हजार 500 रुपये का भुगतान किया गया। इसका यह मतलब है कि इसी कॉलेज के सर्वाधिक विद्यार्थियों को रिफंड नहीं मिला है। यहां कुल 987 विद्यार्थियों को पांचवे दीक्षांत का शुल्क रिफंड किया जाना है।
इसी तरह करीम सिटी कॉलेज जमशेदपुर को भी 171500 रुपये का भुगतान किया गया है। करीम सिटी के 343 विद्यार्थियों को राशि वापस की जानी है। ग्रेजुएट कॉलेज को 1 लाख 88 हजार 500 रुपये दिए गए हैं। यहां 377 विद्यार्थियों को रिफंड दिया जाना है। को-ऑपरेटिव कॉलेज को 1 लाख 48 हजार रुपये दिए गए हैं तो एलबीएसएम को मात्र 21 हजार रुपये प्रदान किए गए हैं।