एक नई सोच, एक नई धारा

JSSC की संशोधित नियमावली 2023 का संकल्प जारी, एग्जाम रूल में किया गया बड़ा चेंज…

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झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संशोधित नियमावली 2023 का संकल्प कार्मिक विभाग ने जारी कर दिया है। नए संकल्प में मैट्रिक, इंटर, स्नातक स्तरीय नियुक्ति परीक्षा नियमावली में बड़ा चेंज किया गया है। नयी नियमावली के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नियोजन के लिए झारखंड से मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों से अब मैट्रिक-इंटर पास करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। मतलब अब राज्य के बाहर से भी अगर मैट्रिक-इंटर उत्तीर्ण किए हैं तो इस राज्य के निवासी को झारखंड में नौकरी का अवसर मिलेगा।

स्थानीय रीति रिवाज व परंपरा जानने की अनिवार्यता समाप्त

संशोधित नियमावली में अब स्थानीय रीति-रिवाज व परंपरा को जानने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। नियुक्ति परीक्षा में जनजातीय,क्षेत्रीय भाषा में बदलाव किया गया है। अब हिंदी,अंग्रेजी और संस्कृत भाषा को शामिल कर लिया गया है। राज्यस्तरीय नियुक्तियों में पहले जहां 12 भाषाएं थीं। उसमें उक्त तीन भाषाओं को जोड़ाकर इसकी सीमा को 15 भाषाओं मैं बदल दिया गया है।

इन भाषाओं को किया गया बाहर

अब भोजपुरी, मगही व अंगिका,असुर, बिरहोर समेत सात भाषाओं को बाहर कर दिया गया है। हेमंत सरकार का मानना है कि जिन भाषाओं को सूची से बाहर किया गया है,उसकी पढ़ाई यहां नहीं हो रही है,पाठ्यक्रम भी नहीं है। नियुक्ति परीक्षाओं के लिए अब जिला से लेकर राज्य स्तर तक सूचीबद्ध 15 भाषाओं की ही परीक्षा होगी।

100 अंकों का होगा एग्जाम

नयी नियमावली मैं स्पष्ट किया गया है कि 15 भाषाएं राज्य के सभी 24 जिलों में स्वीकार्य होंगी। इन भाषाओं की परीक्षा 100 अंकों की होगी। परीक्षार्थी अपनी इच्छानुसार भाषा का चयन करेंगे। सारे 100 सवाल बहु वैकल्पिक होंगे।