झारखंड में राजनीतिक संकट जारी है। चंपई सोरेन ने भले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है, लेकिन उनकी असली शक्ति परीक्षा आज है। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए चंपई सोरेन को 41 विधायकों का समर्थन चाहिए।
इसके लिए हैदराबाद से भी इंडिया गठबंधन के विधायक लौट आए हैं। फ्लोर टेस्ट में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे। फ्लोर टेस्ट से पहले जेएमएम और कांग्रेस ने व्हिप जारी किया है। इसके तहत सभी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में रहना होगा। आइए समझते हैं पूरा समीकरण।

झारखंड में विधानसभा सदस्यों की संख्या 81 है। किसी भी पार्टी के पास बहुमत के लिए 41 विधायक चाहिए। चंपई सोरेन सरकार का आज फ्लोर टेस्ट है। शपथ लेने से पहले चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 42 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था, लेकिन हैदराबाद सिर्फ 36 विधायक ही पहुंचे। अदालत ने फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए हेमंत सोरेन को भी अनुमति दे दी है।
आज 11 बजे होगा फ्लोर टेस्ट
जेएमएम और कांग्रेस के सभी 36 विधायक रविवार को ही रांची लौट आए थे। अब वे 11 बजे सीधे फ्लोर टेस्ट में जाएंगे। जेएमएम के विधायक लोबिन हेम्ब्रोम पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वे हैदराबाद भी नहीं गए थे, लेकिन उन्होंने चंपई सोरेन सरकार के सपोर्ट में वोट करने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की वजह से कांग्रेस के कुछ विधायक झारखंड में रुके थे। आज पता चला जाएगा कि चंपई सोरेन की सरकार बहुमत साबित कर पाएगी या अल्पमत में गिर जाएगी।

बीजेपी का आरोप- चंपई सोरेन के पास नहीं है बहुमत
झारखंड बीजेपी ने कहा कि चंपई सोरेन के पास बहुमत नहीं है। जेएमम और कांग्रेस के कई विधायक नाराज चल रहे हैं। हालांकि, अबतक के आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि चंपई सोरेन सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो सकती है। इसके पीछे की वजह यह है कि हेमंत सोरेन की सरकार को 48 विधायकों को समर्थन प्राप्त था। अगर कुछ विधायक नाराज भी होते हैं तो भी उनके पास 41 विधायक हैं।
