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रोजगार वादा में विफल हेमंत सोरेन, छात्रों को नए साल में मायूसी का तौहफा

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नये साल में हेमंत सोरेन का पुराना वादा अधूरा रह गया.नई सरकार ने रोजगार पर अपना सबसे बड़ा प्रॉमिस तोड़ दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने युवाओं से किया अपना पहला वादा पूरा नहीं किया. मुख्यमंत्री का वह कौन सा वादा है जो नये साल में टूट गया.

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सीएम हेमंत ने शपथ लेते ही क्या कहा था जो कर नहीं पाये.

आखिर, हेमंत सोरेन का यह पहला वादा क्यों पूरा नहीं हो पाया. हेमंत सरकार की ऐसी भी क्या मजबूरी रही कि वह रोजगार को लेकर ये वादा पूरा नहीं कर पाये. क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह भूल गये कि उन्होंने 28 नवंबर 2024 को क्या कहा था. बताते हैं सबकुछ सिलसिलेवार ढंग से.

1 जनवरी 2025 से पहले परीक्षा कैलेंडर का वादा था
हेमंत सरकार ने वादा किया था कि 1 जनवरी 2025 से पहले रिक्त सरकारी पदों को भरने के लिए जेएसएससी, जेपीएससी और अन्य सक्षम प्राधिकार द्वारा ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं का कैलैंडर जारी किया जायेगा.

सरकार ने यह भी वादा किया था कि पहले से लंबित नियुक्ति प्रक्रियाओं को भी 1 जनवरी 2025 से पहले पूरा कर लिया जायेगा.

खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सामने आकर यह घोषणा की थी.

यह 28 नवंबर 2024 था. हेमंत सोरेन ने दोपहर को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में सीएम पद की शपथ ली और शाम को प्रोजेक्ट भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की.

मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती के लिए जेएसएससी और जेपीएससी द्वारा परीक्षा कैलेंडर 1 जनवरी 2025 से पहले जारी किया जायेगा. लंबित नियुक्तियां भी पूरी की जायेंगी. इस बात को 34 दिन बीत गये.

नये साल में पुराना वादा अधूरा रह गया

पुरानी लंबित नियुक्तियां भी पूरी नहीं कर पाई सरकार
अब नई परीक्षाओं का कैलेंडर तो छोड़िए, सरकार लंबित नियुक्ति प्रक्रियाओं को पूरा करने की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है. चाहे वह 11वीं-13वीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा हो, जेएसएससी सीजीएल हो या फिर फूड सेफ्टी ऑफिसर.

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दरअसल, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग और झारखंड लोक सेवा आयोग के अंतर्गत दर्जनों नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है जिसमें हजारों पदो पर भर्तियां होने वाली है. अकेले जेपीएससी में ही 1700 से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है वहीं, जेएसएससी में तो यह आंकड़ा हजारों में जाता है.

अकेले टीचर के ही 25001 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है.

जेपीएससी में 1700 पदों पर बहाली प्रक्रिया लंबित है

पहले बात जेपीएससी की करते हैं. 11वीं-13वीं जेपीएससी सिविल सेवा में 357 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है. इसकी मुख्य परीक्षा जून 2024 में ही ली जा चुकी है लेकिन अब तक मॉडल ऑनर्स की तक जारी नहीं हुआ.

ये हाल तब है जबकि आयोग ने अगस्त 2024 के पहले सप्ताह में ही इंटरव्यू और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन का आश्वासन दिया था.

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इसी प्रकार झारखंड वन क्षेत्र पदाधिकारी के 170 और झारखंड सहायक वन संरक्षक के 78 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लंबित है. इन विज्ञापन अप्रैल 2022 में ही जारी किया गया था.

परीक्षा ही नहीं ली जा सकी है. झारखंड के यूनिवर्सिटीज में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और पीएचडी में इनरॉलमेंट के लिए जेएटी की परीक्षा होने वाली थी जो नहीं हो सकी. सिविल जज (जूनियर डिविजन) के 138 पदों पर नियुक्ति के लिए जुलाई 2023 में ही आवेदन लिए गये. इसकी पीटी परीक्षा हो चुकी है लेकिन अभी तक मुख्य परीक्षा नहीं हुयी.

झारखंड मे चिकित्सा पदाधिकारी के 26 बैकलॉग पदों पर जून 2023 में ही इंटरव्यू लिया गया था लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं आया.

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी लंबित है.

बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के 64 पदों पर नियुक्ति के लिए पीटी और मुख्य परीक्षा ली जा चुकी है लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया. फूड सेफ्टी ऑफिसर के 56 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी लंबित है.

इनमें से कई मामले जेपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति में विलंब की वजह से फंसे हैं तो कई मामले कोर्ट में लंबित हैं. सरकार की ओर से केवल और केवल आश्वासन मिल रहा है.

जेपीएससी में हजारों पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया लंबित
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग में तो हजारों पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है.

दरअसल, पिछली सरकार में सहायक अध्यापक के 25001 पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला. इसकी परीक्षा भी ली जा चुकी है लेकिन सीटेट को मान्यता और जेटेट विसंगति सहित अन्य मसलों को लेकर मामला कोर्ट में है.

नगरपालिका सेवा संवर्ग के 921 पदों पर बहाली की प्रक्रिया लंबित है.

विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के 1268 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित है.

महिला सुपरवाइजर के 440 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी थी लेकिन रिजल्ट नहीं आया. उत्पाद सिपाही के 583 पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी लंबित है.

कोर्ट और आयोग के बीच फंस गयी हैं नौकरियां
लाखों अभ्यर्थी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. जेएसएससी सीजीएल के रिजल्ट पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

*अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी*

11वीं-13वीं जेपीएससी सिविल सेवा का रिजल्ट आयोग में चेयरमैन नहीं होने से लंबित है. हाल फिलहाल जेपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति के आसार भी नहीं दिख रहे.

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की कहती हैं कि ऐसे ही किसी को नहीं बिठा देंगे. सही बात है लेकिन यह पद 22 अगस्त 2024 से ही खाली है. 4 महीने हो गये.

कुल मिलाकर, अभ्यर्थियों का यह कहना है कि सरकार केवल नौकरी का आश्वासन ही दे रही है नौकरी नहीं. और यह आश्वासन भी अब प्रैंक सरीखा लगने लगा है.