झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 2,200 सहायक पुलिसकर्मियों को दुर्गा पूजा से पहले बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने उनकी सेवा अवधि 1 साल के लिए बढ़ाने की तैयारी की है। अगली कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिपरिषद मुहर लगायेगी। इस फैसले से राज्य के 12 जिलों में तैनात सहायक पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली है।झारखंड का पर्यटन
नौकरी जाने का था डर
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग इस प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद के समक्ष स्वीकृति के लिए भेजेगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद यह आदेश औपचारिक रूप से लागू हो जाएगा और सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि स्वतः एक साल बढ़ जाएगी।

अनुबंध पर नियुक्त इन सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि 8 अगस्त से 30 अगस्त 2025 के बीच समाप्त होने वाली थी। इस कारण जवानों में नौकरी खोने का डर बना हुआ था। कई जिलों में रक्षाबंधन के समय यह आशंका थी कि अनुबंध समाप्ति का नोटिस उन्हें थमा दिया जाएगा। सीएम के इस फैसले से अब यह डर पूरी तरह खत्म हो गया है।
2017 में हुई थी नियुक्ति
बता दें कि वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने 12 जिलों — पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, लातेहार, गुमला, पलामू, गढ़वा, दुमका, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा और गिरिडीह — के लिए 2,500 सहायक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की थी। इन्हें मात्र दो वर्षों के लिए 10,000 रुपये मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था। बाद में इन्हें समय-समय पर सेवा विस्तार दिया जाता रहा है।
2024 में वेतन बढ़ा था
वर्ष 2024 में लंबे आंदोलन के बाद सहायक पुलिसकर्मियों की प्रमुख मांगों पर सरकार ने विचार किया था। उनका वेतन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 13,000 रुपये मासिक कर दिया गया था। हालांकि, सहायक पुलिसकर्मी संघ का कहना है कि उनसे जिला पुलिस जैसी ड्यूटी ली जाती है, लेकिन वेतन अभी भी होमगार्ड से थोड़ा ही अधिक है। इस पर भी पुनर्विचार किए जाने की मांग है।
जवानों ने जताया आभार
झारखंड सहायक पुलिसकर्मी एसोसिएशन के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से 2,200 जवानों के परिवारों को राहत मिली है और त्योहार पर उनका मनोबल बढ़ा है। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि भविष्य में स्थायीकरण और बेहतर वेतनमान पर भी ठोस निर्णय लिया जाए।