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राँची – अलग अलग क्षेत्रों से निकली प्रकृति पर्व सरहुल की भव्य शोभायात्रा

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प्रकृति पर्व सरहुल की भव्य शोभायात्रा शुक्रवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निकाली गयी, जो मेन रोड से गुजर कर सिरम टोली सरना स्थल तक गयी। शोभायात्रा आदिवासी पारंपरिक छटा से सराबोर नजर आयी। शहर के हर रास्ते और हर क्षेत्र से विभिन्न सरना समितियों एवं सरहुल पूजा समितियों द्वारा शोभायात्रा निकाली गयी, जो अलबर्ट एक्का चौक पहुंची। फिर मेन रोड, सुजाता चौक होते हुए सिरम टोली तक गयी। मेन रोड में आदिवासी परिधान में सजी महिलाएं और पुरुष ढोल- मांदर की थाप और आधुनिक नागपुरी धुनों पर जमकर थिरके। मेन रोड में विभिन्न समितियों द्वारा आकर्षक झांकियां भी निकाली गयीं। सरहुल शोभायात्रा के दौरान सरना धर्म कोड की मांग जोरों से उठी। वहीं जय आदिवासी, जय सरना और जय झारखंड के भी नारे लगे। विभिन्न मंचों के द्वारा प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया गया।

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विभिन्न सरना समिति और सरहुल पूजा समिति द्वारा आकर्षक झांकियां निकाली गयी। बांधगाड़ी सरना समिति के द्वारा अधिक पैसे की भूख और इसके लिए किए जा रहे अनैतिक कार्य एवं बाद में होटवार जेल की हवा खाने संबंधी आकर्षक झांकी निकाली गयी। वहीं हरमू सरना समिति द्वारा प्रकृति की रक्षा का संदेश देते हुए झांकी निकाली गयी। हरमू परमचौड़ा सरना समिति द्वारा प्रकृति के विनाश और उससे होने वाले प्रभाव की झांकी निकाली गयी. हरमू द्वारा संसद भवन की झांकी निकाली गयी।

मेन रोड में विभिन्न सरना समिति के द्वारा सामूहिक जोड़ाए नृत्य करते हुए आकर्षक शोभायात्रा निकाली गयी। इसमें आदिवासी युवक-युवतियां समूह में नृत्य करते हुए आगे बढ़ रहे थे. जिसे लोगों ने खूब सराहा। इसे देखने के लिए लोगों का हुजूम मेन रोड में उमड़पड़ा।

मेन रोड में 100 से अधिक सरना एवं पूजा समितियों ने शोभायात्रा निकाली। हेसल, हेहल, पिस्का मोड़, हरमू, अरगोड़ा, मधुकम, कडरू, बांधगाड़ी, कोकर, लालपुर, लोवाडीह, नगरा टोली, करम टोली, बूटी मोड़, मोरहाबादी, इरगू टोली, पहाड़ी टोला, पुरानी रांची, आदिवासी छात्रावास, आदिवासी पीजी हॉस्टल, आदिवासी बालक-बालिका छात्रवास, वीर बुधु भगत छात्रावास सहित कई स्थानों से शोभायात्रा निकाली गयी।

प्राकृतिक त्योहार के शुभ अवसर पर मुंडा सभा रांची द्वारा एनई होरो मार्ग पर गोस्सनर कॉलेज गेट के पास सेवा शिविर लगाया गया, जिसमे चना, गुड़ तथा पानी का वितरण किया गया। इस सेवा शिविर में मुंडा सभा के सभी सदस्यों ने भाग लिया तथा लोगों को आवश्यक सामग्री मुहैया कराने में मदद की। मेन रोड में झामुमो, केंद्रीय सरना समिति, शास्त्री मार्केट दुकानदार संघ, डेली मार्केट दुकानदार संघ सहित कई संगठनों ने स्वागत शिविर लगाया। इसके माध्यम से जुलूस एवं पाहनों का स्वागत किया गया।

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केंद्रीय सरना संघर्ष समिति सह हेसल सरना समिति के संयुक्त तत्वावधान में हेसल सत्यारी सरना स्थल में पहान सोमरा मुंडा, योगेन्द्र मुंडा द्वारा पारंपरिक रीति- रिवाज के साथ सरहुल पूजा की गयी। पहान ने गांव की सुख- शांति, रोग- दुख दूर हो, खेत खरियान हरा भरा रहे कि लिए सरना मां से प्रार्थना की। इस वर्ष अच्छी खेती होने की भविष्यवाणी की।

केन्द्रीय सरना संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि सरहुल पर हम उस अलौकिक शक्ति की अराधना करते हैं, जो पूरे ब्रह्मांड प्रकृति और जीवन का संचालन और नियंत्रण करती है। इस शक्ति का अहसास हमारे पुरखों ने किया। सरहुल जुलूस को सफल बनाने में सती तिर्की, बबलू उरांव, अनिता उरांव, मीणा किस्पोट्टा, शोभा तिर्की, गुड्डी तिर्की, सूरज तिर्की, झलकी तिर्की, निलम उरांव, अनुप खलखो का योगदान रहा।