
बेंगलुरू में जिस महिला का शव कमरे में करीब 40 टुकड़ों में फ्रिज के अंदर मिला है, वो कमरा 19 दिनों से बंद था. जब कमरे से बदबू आई तो आसपास के लोगों ने घर के मालिक को फोन किया और उसके बाद मृतक महिला की मां को कॉल कर बुलाया और जब गेट खुलवाया तो सभी हैरान रह गए क्योंकि कमरे में चारों ओर खून के साथ बॉडी के छोटे-छोटे टुकड़े फैले हुए थे.
इसके अलावा सिंगल डोर फ्रिज में शव को अलग-अलग हिस्सों में काटकर लाश रखी गई थी. लोगों के जहन में सवाल उठ रहे हैं कि जिस महिला के शव के साथ इतनी बर्बरता की गई, उसकी पहचान क्या है, क्या करती है और कहां की रहने वाली है.
इस महिला की पहचान महालक्ष्मी के रूप में हुई है. महालक्ष्मी की मां और बहन ने पूछताछ के बाद बताया कि साल 2019 तक परिवार नेपाल में ही रहता था. उसी साल महालक्ष्मी की शादी हेमंत दास के नाम के एक नेपाली लड़के से हुई थी. शादी के बाद दोनों रोजगार और बेहतर जिंदगी की उम्मीद लिए नेपाल से बेंगलुरु पहुंचे. यहां हेमंत एक मोबाइल शॉप पर काम करने लगा, जबकि महालक्ष्मी को एक बड़े मॉल के ब्यूटी शॉप में बतौर सेल्स वूमेन टीम लीडर की नौकरी मिल गई. दोनों बेंगलुरु के नीला मंगला इलाके में किराये के घर में रहने लगे.

शादी के चार साल बाद पति से अलग हुई महालक्ष्मी
महालक्ष्मी और पति का जीवन खुशहाल चल रहा था. दोनों की एक बेटी हुई. साल 2023 तक उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक था. बाद में उसके पति को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का शक हुआ और फिर दोनों अलग हो गए. बेटी हेमंत दास के साथ रहती है, जबकि महालक्ष्मी पांच महीने से व्यालीकवल इलाके में किराये के मकान में अकेली रह रही थी. महीने-15 दिनों में वो एक बार अपनी बेटी से मिलने हेमंत के घर जाया करती थी.
महालक्ष्मी पर शक करता था पति
जांच के मुताबिक, हेमंत और महालक्ष्मी के बीच दूरी की वजह थी लव ट्रायंगल. हेमंत को शक था कि उत्तराखंड के रहने वाले एक हेयर ड्रेसर अशरफ और महालक्ष्मी के बीच अफेयर चल रहा है. इसी बात को लेकर हेमंत और महालक्ष्मी के बीच काफी झगड़ा होता था. इसी झगड़े की वजह से करीब 9 महीने पहले महालक्ष्मी अपने पति हेमंत से अलग रहने लगी थी. कुछ महीने मां और छोटी बहन के साथ रही और फिर पांच महीने पहले किराये के घर में शिफ्ट हो गई थी.

कमरे में ही मिला महालक्ष्मी का मोबाइल
पुलिस को घर की तलाशी के दौरान महालक्ष्मी का मोबाइल भी मिला. जब मोबाइल की सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड को चेक किया गया, तो पता चला कि इस फोन से आखिरी कॉल 2 सितंबर को किया गया था. दो सितंबर के बाद से ना तो इस फोन से कोई कॉल की गई और ना ही कोई कॉल रिसीव की गई. इसी से बेंगलुरु पुलिस ने अंदाजा लगाया कि महालक्ष्मी की हत्या 2 से 3 सितंबर के दरम्यान ही हुई. हालांकि कातिल कौन है, इसको लेकर अबतक कुछ क्लीयर नहीं हो पाया है.
पुलिस ने पति और हेयर ड्रेसर से की पूछताछ
बेंगलुरु पुलिस ने महालक्ष्मी के पति हेमंत दास और उस हेयर ड्रेसर अशरफ से लंबी पूछताछ की, लेकिन इन दोनों से शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि महालक्ष्मी के क़त्ल में इन दोनों का कोई हाथ नहीं था. इन दोनों के मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड में भी दो सितंबर से 19 सितंबर तक ऐसा कुछ नहीं मिला, जिनसे इन पर शक किया जा सके.
पुलिस को एक अजनबी पर शक
महालक्ष्मी जब से यहां रहने आई है, उसने न तो किसी से कोई बात की और न ही घुली-मिली. पड़ोसियों ने बताया कि वो रोजाना सुबह 9:30 बजे काम पर चली जाती और रात 10:30 बजे के बाद घर लौटकर आती. पड़ोसियों ने कई बार एक अजनबी शख्स को महालक्ष्मी को घर से पिक और ड्रॉप करते जरूर देखा था, लेकिन वो शख्स कौन था, कोई नहीं जानता. बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक, वो इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर वो अजनबी है कौन? पुलिस का कहना है कि हो सकता है इसी अजनबी ने महालक्ष्मी की हत्या की हो.
