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भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किया चुनाव चिन्ह, जानें झारखंड में कौन-कौन सा सिंबल दिखेगा इस बार

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लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही झारखंड की सभी राजनातिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. एक तरफ भाजपा ने जहां राज्य की 13 सीटों पर अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में सीटों का खाका तैयार हो गया है.

जल्द ही झामुमो, कांग्रेस और राजद के द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी. इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय दल समेत सभी निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिन्ह की घोषणा कर दी है.

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जिसमें भाजपा को कमल का फूल, झामुमो को तीर-कमान, आजसू को केला, कांग्रेस को हाथ का प्रतीक चिंन्ह मिला है. उसी तरह आम आदमी पार्टी को झाड़ू, बहुजन समाज पार्टी को हाथी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को हथौड़ा, हंसिया और सितारा, राजद को लालटेन का प्रतीक चिन्ह मिला है.

वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को एअर कंडीश्नर, अलमीरा, सेब, ऑटोरिक्शा, बेबी वॉकर, गुब्बारा, चूड़ियां और फलों से युक्त टोकरी, बल्ला, बल्लेबाज, बैटरी टॉर्च, मोतियों का हार, बेल्ट, बेंच, साइकल पंप, दूरबीन, बिस्कुट, ब्लैक बोर्ड, आदमी व पाल युक्त नौका, बक्सा डबल रोटी, ब्रेड टोस्टर, ईटें, ब्रीफकेस, ब्रुश, बाल्टी, केक, कैल्कुलेटर, कैमरा, कैन शिमला मिर्च समेत अन्य कई चुनाव चिन्ह निर्गित किये गये हैं.

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भारत में 1951 के बाद शुरू हुई थी पार्टी सिंबल और चुनाव चिन्ह की कहानी

यूं तो भारत में चुनाव चिन्ह या पार्टी सिंबल की कहानी तो आजादी से पहले की है. उस वक्त प्रमुख तौर पर दो ही प्रमुख राजनीतिक दल थे. पहला कांग्रेस और दूसरा मुस्लीम लीग. लेकिन 1951 में पहली बार राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देने की प्रक्रिया शुरु की गयी. क्योंकि इसी दौरान भारत पहला आम चुनाव हुआ था. चूंकि उस वक्त अशिक्षित लोगों की संख्या देश में अधिक थी, इसलिए लोगों की चुनाव भागीदारी बढ़ाने के लिए पार्टी सिंबल का इस्तेमाल किया गया. ताकि अनपढ़ व्यक्ति उस सिंबल को देखकर मतदान कर सकें.

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