
झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। बोकारो जिला के चंद्रपुरा प्रखंड के भण्डारीदह के समीप दामोदर नदी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन समेत हजारों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो के अलारगो स्थित पैतृक आवास पर पहुंच कर शोकाकुल परिजनों से मिले और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों से कहा, ‘दुख की इस घड़ी में हम सभी आपके साथ खड़े हैं। भगवान दिवंगत की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।’
अंतिम दर्शन को उमड़ी जनता
दिवगंत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर बोकारो पहुंचने पर बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक उमड़ पड़े। मंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर लेकर काफिला बोकारो जिले के सीमा क्षेत्र में पेटवार स्थित चरगी घाटी पहुंचा। वहां डीसी कुलदीप चौधरी, एसपी चंदन झा, बोकारो विधायक विरंची नारायण, गोमिया के पूर्व विधायक योगेन्द्र प्रसाद ने शिक्षा मंत्री के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किये और उन्हें श्रद्धाजंलि दी।
इससे पहले आलरगो स्थित उनके निवास स्थान पर हिन्दू रीति-रिवाज से पार्थिव शरीर को स्नान करा कर हल्दी चंदन का लगा कर अंतिम विदाई दी गयी। पार्थिव शरीर को कंधा के सहारे दामोदर नदी का तट ले जाया गया, जहां पर पुत्र राजू उर्फ अखिलेश कुमार ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर भाजपा, झामुमो, कांग्रेस, राजद और भाकपा के जिला एवं प्रखंड अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष सहित हजारों ग्रामीण उपस्थित थे। इससे पहले उनका शव पैतृक गांव अलारगो पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पूर्व सांसद रवीन्द्र कुमार पाण्डेय ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।