तार कंपनी के पास टेल्को ग्वाला बस्ती, गायत्री नगर में टाटा स्टील की ओर से एक घर को 4 अगस्त को कर्मचारियों द्वारा तोड़ने की चेतावनी के खिलाफ रविवार को बस्ती के लोगों ने जुलूस निकाला।
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर घर को तोड़ने का प्रयास हुआ तो उग्र विरोध किया जाएगा। उनका आरोप है कि बिना किसी नोटिस के लीज मुक्त हो चुकी जमीन पर बने घर को तोड़ने की कोशिश की गई, जो असहनीय है।
बस्तीवासियों ने बताया कि चार दिन पूर्व करीब तीन बजे एक मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टाटा स्टील के सिक्योरिटी गार्ड जेसीबी लेकर पहुंचे और सौरभ कुमार पांडेय, शैल पांडेय के घर को तोड़ने लगे। परंतु शिव चर्चा में पहुंची महिलाएं वहां पहुंच गईं और घर तोड़ने का जोरदार विरोध किया, जिसके कारण सीढ़ी तोड़कर ही कार्रवाई रुक गई। हालांकि, उन्होंने घर को खाली करवाकर उसे सील कर दिया। साथ ही, वहां पहुंचे लोगों ने धमकी दी कि वे 4 अगस्त को आएंगे तो और 36 घरों को तोड़ेंगे।
इसी धमकी के खिलाफ रविवार को बस्ती के सामुदायिक भवन में पहले बैठक की गई और फिर ग्वाला बस्ती चौक, नीलडीह गोलचक्कर, ट्यूब मेकर्स क्लब होते बस्ती के बड़ा हनुमान मंदिर पहुंचकर जुलूस संपन्न हो गया। जुलूस सामूहिक नेतृत्व में निकाला गया, जिसमें महिलाओं की भी अच्छी खासी भागीदारी थी।
43 साल पहले खरीदी थी जमीन : सौरभ
जिस घर को तोड़ने का प्रयास हुआ, उसमें रहने वाले सौरभ कुमार पांडेय का कहना है कि जिस जमीन पर उनका घर है उसे 1980 में उनकी नानी ने तफजुल हुसैन से खरीदी थी। 10 दिसंबर 2012 को नानी ने उन्हें तोहफे में पावर ऑफ अर्टानी दी थी। वे उस जमीन का रेंट, बिजली और पानी 43 वर्षों से चुकाते आ रहे हैं। इसकी रसीद उनके पास है। इसके बावजूद टाटा स्टील के लैंड विभाग के द्वारा उन्हें बेघर किया जा रहा है।
दूसरी ओर, बस्ती वासियों का कहना है कि यह जमीन लीज की शिड्यूल 6 की है, जिसे 2005 के लीज नवीकरण के समय लीज से बाहर कर दिया गया था। ऐसे में इस जमीन पर कोई केस कैसे चल सकता है। और केस की कोई जानकारी भी किसी को नहीं है।