मुंबई की साइबर सेल पुलिस ने धोखाधड़ी के एक नए तरीके का खुलासा किया है. अभी तक ये ठग लोगों को लालच देकर ठग रहे थे लेकिन अब इन ऑनलाइन ठगों ने पुलिस के नाम पर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है.
मुंबई पुलिस ने एक नए तरह के घोटाले का भंडाफोड़ किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न पुलिस स्टेशनों के नाम पर टेलीग्राम चैनल बनाकर लोगों को धोखा दिया जा रहा है।
कैसे हो रहा है फर्जीवाड़ा?
पुलिस के मुताबिक साइबर ठग पुलिस स्टेशनों के नाम पर टेलीग्राम ग्रुप और चैनल बना रहे हैं. इसके बाद मैसेज भेजकर लोगों को झूठे केस में फंसा रहे हैं और पैसे ट्रांसफर करवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है जिसमें एक 70 वर्षीय महिला से फर्जी मामले में 3.5 लाख रुपये की ठगी की गई है.
क्या बात है आ?
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, 70 साल की एक महिला को एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह लखनऊ कस्टम विभाग से बोल रहा है। फोन करने वाले ने बताया कि उसके नाम पर लखनऊ कस्टम विभाग में एक पार्सल आया है, जिसमें कुछ कपड़े, एक लैपटॉप, 20 पासपोर्ट और 150 ग्राम मेफेड्रोन (ड्रग्स) मिला है। यह पार्सल म्यांमार से आया है.
इसके बाद फर्जी कस्टम अधिकारी ने उसकी बात गोमती नगर थाने के एक फर्जी अधिकारी से कराई. इसके बाद उनसे केस खत्म करने के लिए टेलीग्राम ऐप डाउनलोड करने को कहा गया. ऐप डाउनलोड करने के बाद यूजर की गोमती नगर थाने के नाम की आईडी से वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स से बात कराई गई, जो फर्जी पुलिसकर्मी था। इसके बदले मामले को खत्म करने के लिए 3.5 लाख रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए।
पुलिस ने कहा- ऐसे ग्रुप या चैनल से दूर रहें
इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने कहा है कि थाने के नाम से सोशल मीडिया पर चल रहे किसी भी ग्रुप को ज्वाइन न करें और किसी भी मैसेज का रिप्लाई न करें. किसी भी कीमत पर पैसे ट्रांसफर करने की गलती न करें.