धनबाद: एसएनएमएमसीएच के संविदा कर्मी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। संविदा कर्मियों ने अस्पताल के मुख्य द्वार पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया है। 120 संविदा कर्मियों को हटाए जाने का सभी हड़ताल के माध्यम से विरोध जता रहे हैं। संविदा कर्मियों की हड़ताल से अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था चरमरा गई है। ओपीडी और इमरजेंसी समेत अन्य विभागों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
संविदा कर्मियों का कहना है कि डॉक्टर अस्पताल में सिर्फ इलाज करते हैं, लेकिन मरीजो की देखभाल की जिम्मेदारी स्वास्थ्य कर्मियों के कंधे पर है। इमरजेंसी से मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने का जिम्मा स्वास्थ्य कर्मी के कंधे पर रहता है। यदि स्वास्थ्य कर्मी नहीं रहेंगे तो उन मरीजों को इमरजेंसी से वार्ड आखिर कौन ले जाएगा, यही नहीं इमरजेंसी तक पहुंचने वाले मरीजों की स्वास्थ्य कर्मी ही शुरुआती दौर में देखभाल करते हैं। सभी विभागों में इसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य कर्मियों के कंधे पर ही है। ऐसे में सरकार संविदा कर्मियों को हटाने पर आमादा है। सरकार जब तक 120 संविदा कर्मियों के छंटनी का फैसला वापस नहीं लेती है, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा। हड़ताल की वजह से अस्पताल के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। चतरा से अपनी आंख का इलाज कराने पहुंचे एक मरीज ने बताया कि वह काफी परेशान है, कोई भी स्टाफ यहां मौजूद नहीं है।
21 मई को हो जाएगी सेवा समाप्त
वहीं एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक अरूण कुमार वर्णवाल ने कहा कि हड़ताल उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। अब इस पर फैसला सरकार को लेना है। बता दें कि सरकार के द्वारा 120 संविदा कर्मियों के छंटनी का निर्देश जारी किया गया है। 21 तारीख को इन सभी 120 संविदा कर्मियों की सेवा सामाप्त हो जाएगी। ऐसे में सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग की जा रही है।