एक नई सोच, एक नई धारा

ठंडा जल गुरु अरजन देव साहिब जी की शीतलता का प्रतीक, सोनारी सत संगत द्वारा छबील का आयोजन

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जमशेदपुर : पांचवें गुरु, गुरु अरजन देव साहिब जी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी की संपादना उपरंत पहला प्रकाश हरमंदर साहिब, अमृतसर में करवाया। गुरु ग्रंथ साहिब जी में सभी धर्मों का सत्कार और प्रेम से जीने का सन्देश है।
उस वक्त की मुगल बादशाहत की धर्म के प्रति कट्टर सोच के कारणवश गुरु अरजन देव साहिब जी को गरम तवे पर बिठा कर, शरीर पर गरम रेत डालकर और गरम पानी में उबाल कर शहीद किया गया। परन्तु गुरु साहिब अडोल रहे और संसार को वाहेगुरु के हुकुम में रहने का सन्देश दिया।

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    आज गुरु अर्जन देव के इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए सोनारी के सत संगत और जोड़ी राइडर्स के तमाम सदस्यों ने  कागल नगर बाजर में छबील का आयोजन किया। जिसमें सभी लोगों ने तन मन धन से सेवा निभाई। लोगों के बीच में चना, तरबूज और मीठे जल का वितरण किया गया। इसके उपरांत जितने भी सदस्य थे उनके लिए लंगर कि व्यवस्था भी की गई थी। कार्यक्रम में सेंट्रल गुरुद्वारा के प्रधान सरदार भगवान सिंह और झारखंड गुरुद्वारा के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, सेंट्रल स्त्री सत्संग कि प्रधान बीबी कमलजीत कौर झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रधान सरदार गुरशरण सिंह बिल्ला औऱ गुरु रामदास सेवा दल के सरदार गुरदयाल सिंह अपने साथियों के साथ आए हुए थे और इनके साथ गणमान्य लोगों ने आकर सारे सदस्यों का हौसला अफजाई किया।
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