एक नई सोच, एक नई धारा

भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध में भारत बंद को समर्थन दे रहे पार्टियों पर निशाना साधा

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जमशेदपुर : भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह(सेवानिवृत आईपीएस) ने भारत बंद का सच बताते हुए कहा की युवाओं को दिगभ्रमित कर राजनीतिक पार्टियां सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान लाने के संबंध में लिए गए फैसले के खिलाफ में भारत बंद कराया है।उन्होंने आगे बताया कि जो बच्चे आज सड़कों पर पुलिस के डंडे खा रहे थे,उन्हें शायद यह पता भी नही है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके फायदे के लिए है, राजनीतिक पार्टियां के झांसे में आकर इसका विरोध कर वे स्वयं अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे है।

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उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझाते हुए कहा की यह 7 जजों के बेंच का फैसला था,फैसले में बताता गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में क्रीमी लेयर का प्रावधान होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना था की आजादी के 75 वर्षो के बाद अब आरक्षण की समीक्षा होनी चहिए , ना की आरक्षण को समाप्त कर देने की बात कही है।

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राज्य सरकार को सोचना चाहिए की आरक्षण से लाभ लेने वाले कौन से जाति विकसित हो गए है, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जातियों के वैसे जातियां जिनका विकास हो चुका है या जिनका अभी भी कम हुआ है,उनका वर्गीकरण किया जाए।
उन्होंने आगे कहा की इस मुद्दे पर इसलिए बोलने पर मजबूर हुआ की जेएमएम और कांग्रेस जैसी पार्टी भारत बंद का समर्थन कर रही है,जो अपने को पिछड़ों, दलितों और वंचितों की पार्टी बताती है। उन्हें इस विषय पर सही पहल करते हुए वंचितों तक लाभ पहुंचाने पर काम करना चाहिए, लेकिन यह गुमराह कर लोगो को बांटने का काम कर रहे है।

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जरा सोचे की आरक्षण का लाभ उनके बच्चे को फिर मिलना चाहिए जो आरक्षण का लाभ लेकर आईएएस,आईपीएस बने चुके है। या वैसे को मिलना चाहिए जो अभी तक विकास से वंचित है।
उदहारण के रूप में देखे जमशेदपुर के प्रमुख विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का विकास और सुदुर्वती क्षेत्रों में रहता वाले बच्चों के विकास में जमीन आसमान का अंतर पता चलता है।
इसलिए युवाओं को इस मुद्दे पर अध्यन करना चाहिए एवं राजनीतिक पार्टियों को भी इस फैसले का गहराई से अध्यन कर इस फैसले से कैसे समाज के कमजोर और वंचित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों तक लाभ पहुंचा सके।