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भाजपा नेता अभय सिंह के नेतृत्व में बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार के विरुद्ध बांग्लादेश सेना चीफ और जमायते इस्लामी संगठन का पुतला जलाया गया

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जमशेदपुर : बांग्लादेश में हो रहे दंगे में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले किए जाने के विरोध में भाजपा नेता एवम केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के संरक्षक अभय सिंह के नेतृत्व में साकची गोलचक्कर में बांग्लादेश के सेना चीफ एवम जमायते इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठन का पुतला जलाया गया।

पुतला जलाने के बाद उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए अभय सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद वहां के चरमपंथी एवं कट्टरवादी लोगों के द्वारा भोले भाले हिंदुओं के घर पर हमले किए जा रहे हैं। मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है साथ ही उनके व्यापार को लूटा जा रहा है। सारे लोग अपनी-अपनी जान बचाकर के भाग रहे हैं।

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इस प्रकार की सूचना से हिंदुस्तान में रहने वाले सभी हिंदुओं में रोष है। अविलंब दुनिया के लोगों से अपील है की ढाका में दबाव बनाएं वहां के चरमपंथी ताकतों को नेस्तनाबूत करें। हमेशा से हिंदुओं को चाहे वह ढाका हो और चाहे इस्लामाबाद या कराची हो वहां की जनता द्वारा हमेशा इस प्रकार की क्रूर मजाक किया जाता रहा है।

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इतिहास गवाह है कि जिस स्थान पर उन पर हमला किया जा रहा है वह कभी भारत का अभिन्न अंग था और भारत के कारण ही 1971 में बांग्लादेश का जन्म हुआ।
अगर भारत की सरकार उस समय ढाका के समर्थन में या बांग्लादेश के समर्थन पर नहीं खड़ी होती तो शायद आज वहां की जनता त्राहिमाम होती, क्योंकि पाकिस्तान कभी भी यह नहीं चाहता था कि बांग्लादेश में रहने वाले लोग हमारे बराबरी में खड़े हो जाएं।

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चुनाव में जीतने के बाद भी 1970 में शेख मुजीब रहमान को बंदी बना लिया गया था। यह तो भारत की सरकार थी कि जिन्होंने एन मौके पर मदद किया और जिसका नतीजा निकला कि बांग्लादेश का नया जन्म हुआ।
1971 में बांग्लादेश के जन्म होने के बाद पूरे बंगलादेश के स्कूलों में भारत की मदद की कहानी एवम पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता था पर चरमपंथी ताकतों के कारण बाद में उसे हटा लिया गया।
8 अप्रैल 1950 में नेहरू लियाकत समझौता हो या 1971 में मुजीर्रहमान इंदिरा गांधी का समझौता हो सभी समझौता में बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा का संकल्प था, पर समय समय में पाकिस्तान हो या बांग्लादेश हमेशा इसे नजर अंदाज किया और प्राय: हमला होता रहा।

पूर्व में पूर्वी पाकिस्तान हो या बांग्लादेश हमेशा वहां रहनेवाले हिंदुओ को निशाना बनाया जाता रहा। राजनीति लड़ाई में बलि का बकरा बनाया गया, हमेशा हिंदुओं के घर लूट पाट करके नुकसान बनाया जाता रहा है।
बांग्लादेश प्रकरण में जमशेदपुर भी अछूता नहीं रहा, 1971 हो या 1964 हमेशा हिंदुओं को निशाना बनाया गया। आज हिंदूवादी संगठन अपने देश के माननीय भारत सरकार तथा नाटो से संबंधित देश बांग्लादेश में रहनेवाले सभी हिंदुओं की रक्षा करें।
जुलूस में शामिल लोग बांग्लादेश मुर्दाबाद, हिंदुओ के साथ अत्याचार बंद करो का नारा भारी संख्या में लगा रहे थे।

आज के कार्यक्रम में श्री पप्पू सिंह, शेखर राव, घनश्याम पांडे, बबलू नायक, ललन चौहान, विकास जायसवाल, रविंदर सिंह रिंकू, भूषण दीक्षित, सुमित श्रीवास्तव, गंगा साहू, मंटू शर्मा, अंकित शुक्ला, मनीष पांडे, राहुल सिंह, कन्हैया पुष्टि, ताराचंद कालिंदी, बबलू श्रीवास्तव, जया कुमारी, विजय गुप्ता, निलेश सिंह, सत्येन घोष, संजय सिंह, ताराचंद्र कालिंदी, उमेश सिंह, अजीत चंद्रवंशी, मनोज राव, संतोष तिवारी, राजेश त्रिपाठी, नकुल पासवान, आमोद रंजन, टिक्की साहू, बमलेश्वरी सिंह, डब्बू साहू, गिरधारी सिंह, राजकुमार सिंह, बंटी सिंह, सचितानंद शर्मा सहित सैकड़ो लोगों ने पुतला जलाया।