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जयराम सिंह हत्याकांड में 15 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला, गैंगस्टर आखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा बरी

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झारखंड के जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील सिक्युरिटी हेड रहे जयराम सिंह की हत्या के मामले में आरोपित गैंगस्टर अखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा को बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश संजय कुमार उपाध्याय के न्यायालय ने बरी कर दिया।

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दोनों को 25-25 हजार का बांड भरने का न्यायालय ने आदेश दिया। इसकी जानकारी दोनों के अधिवक्ता विद्या सिंह ने दी। अखिलेश सिंह दुमका जेल में बंद है।

इससे पहले हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मनोरंजन सिंह को उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में रिहा कर दिया था। जुबेनाइल होने का लाभ उसे मिला, जबकि मामले में सजा काट रहे ओम प्रकाश उर्फ बंटी जायसवाल जमानत पर था।

क्या है पूरा मामला

सिक्युरिटी हेड जयराम सिंह की बिस्टुपुर थाना क्षेत्र बागे जमशेदपुर के समीप चार अक्टूबर 2008 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गंभीर अवस्था में उन्हें टीएमएच में भर्ती किया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी।

पुलिस ने मनोरंजन को गिरफ्तार कर नवंबर 2008 में जेल भेज दिया था। उस वक्त मनोरंजन की उम्र कम थी। 29 जुलाई 2010 को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय से मनोरंजन सिंह और ओम प्रकाश को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

उच्च न्यायालय से मिली राहत

सजा के विरोध में उच्च न्यायालय में अपील पर चले गये, जहां से मनोरंजन रिहा हो गया। हत्या मामले में अखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा के विरुद्ध अलग से सुनवाई चल रही थी। घटना के समय दोनों फरार थे।